Sahkar Taxi: दिसंबर से सड़कों पर दौड़ेगी पहली सहकार टैक्सी, ओला-उबर को बड़ी चुनौती

Sahkar Taxi: दिसंबर से सड़कों पर दौड़ेगी पहली सहकार टैक्सी, ओला-उबर को बड़ी चुनौती

Cooperative Taxi: सहकार टैक्सी को मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के तहत रजिस्टर्ड किया गया है ताकि इसका संचालन कई राज्यों में किया जा सके. आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं की मदद से इस सेवा को शुरू किया जा रहा है. जिसमें अमूल (AMUL), नेफेड, नाबार्ड, इफको, कृभको, NDDB, राष्‍ट्रीय सहकारी निर्यात संस्था और NCDC को शामिल किया गया है. जानिए कितनी होगी इसकी पूंजी?

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Sahkar Taxi: दिसंबर से सड़कों पर दौड़ेगी पहली  सहकार टैक्सी, ओला-उबर को बड़ी चुनौतीSahkar Taxi: इस प्रोजेक्‍ट के लिए मंत्री अमित शाह को श्रेय दिया जा रहा है

ओला और उबर जैसी प्राइवेट टैक्सी सर्विसेज को जल्द ही एक नई और बड़ी चुनौती मिलने जा रही है. केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की मदद से भारत मे पहली बार कोऑपरेटिव टैक्सी (सहकार टैक्सी) की सेवा शुरू होने जा रही है. दिसंबर 2025 से दिल्ली, गुजरात और महाराष्‍ट्र में लोगों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.केंद्र में सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद सरकार तमाम क्षेत्रों में सहकारी मॉडल को अप्लाई कर रही है ताकि उसका आम लोगों को लाभ पहुंच सके. इसी के तहत पैक्स को भी पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी संचालन सहित कई नए काम करने की अनुमति दी गई है. बहरहाल, सहकारी मॉडल वाली ऐप बेस्ड टैक्सी सेवा शुरू होने का इंतजार है. अधिकारियों के मुताबिक सहकार टैक्सी को मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के तहत रजिस्टर्ड किया गया है  ताकि इसका संचालन कई राज्यों में किया जा सके.

कितनी अलग होगी यह टैक्‍सी सर्विस  

इस टैक्‍सी सर्विस को आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत बताया जा रहा है खासतौर पर तब जब हर कोई ओला, उबर के मनमानी दामों से परेशान है. ऐसे में यह जानना भी अहम हो जाता है कि आखिर यह सहकार टैक्‍सी सर्विस बाकियों से कितनी अलग होगी. इस पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सेवा तीन प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित होगी:

  • पारदर्शी किराया व्यवस्था – यात्रियों और चालकों, दोनों के लिए तय किराया होगा; सर्ज प्राइसिंग की अनुमति नहीं होगी. 
  • ड्राइवर्स की प्रॉफिट में भागीदारी –मुनाफा कंपनी नहीं कमाएगी, बल्कि वह ड्राइवर्स में बांटा जाएगा. 
  • सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित – चालकों के लिए स्वास्थ्य, बीमा और सामाजिक लाभ योजनाएं लागू की जाएंगी. 

300 करोड़ की कैपिटल 

सहकार टैक्सी प्रोजेक्‍ट को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत रजिस्‍टर्ड किया गया है. इसकी अथॉराइज्‍ड कैपिटल 300 करोड़ रुपये रखी गई है, जिसमें शुरुआत ाेो 80 करोड़ रुपये की राशि आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं से जुटाई गई है. इनमें NCDC, अमूल (AMUL), नाफेड, नाबार्ड, इफको, कृभको, NDDB और राष्‍ट्रीय सहकारी निर्यात संस्था शामिल हैं. सभी ने मिलकर प्रति संस्था 10-10 करोड़ रुपये का योगदान देने का वादा किया है. 

400 ड्राइवरों से होगी शुरुआत

शुरुआत में करीब 400 टैक्सी ड्राइवर इस सेवा से जुड़ेंगे. छह महीने की सर्विस के बाद उन्हें सहकारी संस्था का सदस्य बनने का अवसर मिलेगा. इसके तहत वो 100 रुपये मूल्य के पांच शेयर खरीद सकेंगे. इस टैक्सी सेवा को डिजिटल रूप देने के लिए राइड-शेयरिंग ऐप तैयार किया जा रहा है. इसके लिए तकनीकी साझेदारों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है. 

अमित शाह की सोच का नतीजा!  

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कुछ महीने पहले सहकारी क्षेत्र में टैक्सी सेवा शुरू करने की बात कही थी. अब यह योजना साकार होने जा रही है. इससे सहकारी ढांचे में रोजगार और समानता को नया आयाम मिलेगा. सहकार टैक्सी प्लेटफॉर्म के साथ दोपहिया, रिक्शा, टैक्सी और चार पहिया वाहन भी जुड़ सकेंगे. 

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