हर प्रदेश को मिलेगा पशुओं की जरूरत के मुताबिक चारा, ग्रासलैंड में तैयार की गई नई किस्में

हर प्रदेश को मिलेगा पशुओं की जरूरत के मुताबिक चारा, ग्रासलैंड में तैयार की गई नई किस्में

भारत में Animal Husbandry खेती किसानी का अभिन्न अंग है. हर राज्य में पशुओं के चारे की किस्में भी अलग अलग होती हैं. इसके मद्देनजर यूपी के झांसी में स्थित केंद्रीय चारा अनुसंधान संस्थान ने इलाकाई आधार पर पशुओं की जरूरत के मुताबिक New Varieties of Fodder तैयार करके, इनकी आपूर्ति के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं.

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हर प्रदेश को मिलेगा पशुओं की जरूरत के मुताबिक चारा, ग्रासलैंड में तैयार की गई नई किस्मेंग्रासलैंड के वैज्ञानिकों ने राज्यों की जरूरत के मुताबिक विकसित की चारे की किस्में (सांकेतिक फोटो)

भारतीय कृष‍ि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत संचालित भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (Grassland) के वैज्ञानिकों ने देश के विभिन्न इलाकों में पालतू पशुओं की चारा संबंधी जरूरतों के हिसाब से नई किस्में विकसित की हैं. इसके लिए क्षेत्रीय भौगोलिक एवं जलवायु संबंधी परिस्थितियों का खास ख्याल रखते हुए इन किस्मों को विकसित किया गया है. राज्याें की जरूरत के हिसाब से ग्रासलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई चारे की किस्मों को यूपी और राजस्थान सहित 8 बड़े राज्यों को मुहैया करा दिया गया है. इन राज्यों ने पशुपालकों की मांग के अनुरूप Fodder Production करना शुरू भी कर दिया है. ग्रासलैंड की ओर से बताया गया कि चारे की किस्मों को विकसित करने से पहले इनकी लागत से लेकर उपज तक, हर पहलू पर शोध किया गया. इसके बाद ही देश के 28 राज्यों की Fodder Requirements को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों ने अलग अलग किस्मों को विकसित किया है.

पशु धन की दूध और प्रजनन क्षमता बढ़ेगी

ग्रासलैंड के निदेशक डॉ पंकज कौशल ने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने क्षेत्रीय जरूरत के आधार पर पशुओं के चारे को विकसित किया है. इन किस्मों काे विकसित करने में उपज और लागत के अलावा इनके सेवन से पशुओं पर पड़ने वाले असर के पहलू का भी ध्यान रखा गया.

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इस लिहाज से वैज्ञानिकों ने हर राज्य की हवा, पानी और मिट्टी के मिजाज को देखते हुए चारे की साल भर उपलब्धता सुनिश्चित करने वाला प्लान बनाया है. इसके आधार पर जिस राज्य में जिस समय हरे चारे की कमी रहती है, उस राज्य में उसी समय ये किस्में हरा चारा उपलब्ध करा देंगी.

8 राज्यों ने अपनाया चारा प्लान

डॉ कौशल ने बताया कि ग्रासलैंड के वैज्ञानिकों ने 28 राज्यों के लिए चारा उत्पादन से लेकर उसकी लागत और उपज का ध्यान रखते हुए Green Fodder Plan तैयार किया है. इस प्लान के तहत विकसित की गई हरे चारे की किस्मों के बारे में सभी राज्यों को सूचित भी कर दिया गया है.

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उन्होंने बताया कि इनमें से अब तक 8 राज्य ग्रासलैंड के प्लान को पूरी तरह से अपना भी चुके हैं. इनमें यूपी और राजस्थान के अलावा त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम, आंध्र प्रदेश, एमपी और गोवा शामिल हैं. इन राज्यों ने अपनी जरूरत के मुताबिक चारे का उत्पादन शुरू कर दिया है.

इसके अलावा Extreme Weather Condition वाले उन इलाकों के लिए भी चारे की किस्में तैयार की जा रही हैं, जहां अभी चारे की उपज नहीं हो पाती है. इसका मकसद पूरे देश में एक समान रूप से चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. शोध के दौरान राष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए प्लान की मदद से Fodder Management करना आसान होगा.

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