आमतौर पर डेबिट कार्ड का उपयोग रुपए निकालने या खरीदारी के लिए होता है, लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल में कार्ड स्कैन करते ही मशीन से दूध निकलने लगता है. ये काम बैतूल में किसान के बेटे रोहित यादव ने किया है. रोहित ने दूध बेचने के लिए चलित एटीएम बनाया है जो घर घर जाकर ग्राहकों को दूध देता है. रोहित के इस कार्य की सराहना की जा रही है. दरअसल, बैतूल के छोटे से गांव कोदारोटी के किसान परिवार के रोहित यादव के घर में दूध डेयरी का काम था और रोहित अपने दादा के साथ दूध बेचने मिल्क प्लांट जाते थे. मिल्क प्लांट पर जो दूध के दाम मिलते थे, रोहित को लगता था कि यह दाम कम है, तभी से उन्होंने दूध बेचने के लिए कुछ हटकर तरीका तलाशना शुरू कर दिया. 24 साल के रोहित ने बीएससी तक पढ़ाई करने के बाद दूध बेचने के लिए तरीका तलाशना शुरू किया, तो उन्हें वॉटर एटीएम से आईडिया मिला, तो उन्होंने मिल्क एटीएम बनाने का प्लान किया और मशीनरी तलाशी और पहले परिवार की मदद से एक मिल्क एटीएम तैयार किया और दूध बेचना शुरू किया.
रोहित को इस कार्य मे सफलता मिली तो उसने उद्यम क्रांति योजना से लोन लिया और तीन मिल्क एटीएम तैयार किए अब उनके पास चार मिल्क एटीएम है.
नौ माह पहले शुरू किए गए मिल्क एटीएम से प्रतिदिन दिन लगभग 500 लीटर दूध बेचा जाता है जिससे रोहित को अच्छी खासी आमदनी होने लगी है. रोहित गांव से दूसरे किसानों से दूध का कलेक्शन करते हैं और 2 रुपये लीटर ज्यादा दाम लेते हैं. इस दूध की जांच की जाती है और उसे प्लांट से चिल्ड कर बेचा जाता है.
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रोहित के मिल्क एटीएम से दूध खरीदने वाले ग्राहक भी खुश हैं नितिन आर्य का कहना है कि मिल्क एटीएम से जो दूध मिल रहा है उसकी क्वालिटी पर भरोसा किया जाता है क्योंकि जो दूध बेचने लोग आते थे उनके दूध में मिलावट की शंका रहती थी.
मधु यादव का कहना है कि पहले डेयरी से दूध खरीदने का झंझट रहता था, समय खराब होता था अब बस मिल्क एटीएम का प्रीपेड कार्ड रिचार्ज कराओ और महीने भर घर पर ही दूध मिल जाता है वो भी प्योर. जो युवक पढ़ाई के बाद नौकरी तलाशने में अपना समय खराब करते हैं उनके लिए रोहित यादव एक प्रेरणा हैं. अगर कोई ठान ली तो वह भी रोहित जैसा एक अलग कार्य करके स्वावलंबी बन सकता है.
रोहित यादव का कहना है कि घर पर दूध की डेयरी थी और दादा के साथ प्लांट पर दूध बेचने आते थे तभी से मन में आया था कि अपना खुद का कुछ किया जाए और इसके बाद पढ़ाई कंप्लीट होने के बाद मिल्क एटीएम शुरू किया. चार एटीएम तैयार किए हैं जो शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर दूध बेचने का काम करते हैं.
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एक ग्राहक मधु यादव का कहना है कि पहले दूध लेने के लिए डेयरी पर जाना पड़ता था और काफी परेशानी होती थी, लेकिन जब से मिल्क एटीएम शुरू हुआ है, तो घर पर ही दूध मिल जाता है. कार्ड रिचार्ज करने के बाद पूरे महीने दूध मिलता है. वहीं एक दूसरे ग्राहक नितिन आर्य के मुताबिक, घर पर अकेला हूं और डेयरी पर दूध लेने जाना पड़ता था, लेकिन अब मिल्क एटीएम की सुविधा हो गई है दूध की क्वालिटी भी अच्छी है क्योंकि जो बेचने आते हैं उनके दूध में मिलावट होने की संभावना रहती है.
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