फ्रांस के कान्स में आयोजित कान फिल्म फेस्टिवल के 77वें एडिशन में फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल की फिल्म 'मंथन' की स्क्रीनिंग की गई. यह फिल्म 1976 में रिलीज़ हुई थी. इसमें अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल ने अभिनय किया है. खास बात यह है कि मंथन फिल्म वर्गीस कुरियन के दुग्ध सहकारी आंदोलन से प्रेरित है, जिन्होंने 'ऑपरेशन फ्लड' का नेतृत्व किया था. वर्गीस कुरियन ने देश में स्वेत क्रांतिक लाने का काम किया है. उनके नेतृत्व में भारत दूध की कमी वाले देश से बाहर निकल कर दुनिया के सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मंथन की स्क्रीनिंग के दौरान नसीरुद्दीन शाह, उनकी पत्नी रत्ना पाठक शाह, अभिनेता और स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर, वर्गीस कुरियन की बेटी निर्मला कुरियन, अनीता पाटिल देशमुख और मान्या पाटिल सेठ भी उपस्थित थे. अब 'मंथन' के कान प्रीमियर का जश्न मनाने के लिए हर तरफ से तारीफें हो रही हैं.
Amul celebrates Cannes premiere of Smita Patil's 'Manthan' in signature style
— ANI Digital (@ani_digital) May 18, 2024
Read @ANI Story | https://t.co/t2GLw9R5lS#Amul #Manthan #SmitaPatil #Cannes #cannes2024 pic.twitter.com/8fIFBay657
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: रायबरेली में राहुल गांधी ने किया बड़ा वादा, बोले- 4 जून के बाद किसानों के लिए करेंगे यह काम
अमूल ने इस उपलब्धि का सम्मान करने के लिए एक डूडल बनाया है. डूडल में, दिवंगत अभिनेता स्मिता पाटिल का प्रतिनिधित्व करने वाली अमूल गर्ल को एक हाथ में दूध का गिलास और दूसरे हाथ में ब्रेड और मक्खन पकड़े देखा जा सकता है. डूडल में लिखा है, "हमारा मक्खन, हमारा मंथन...कान्स का अमूल टोस्ट." वहीं, क्रिएटिव पर प्रतिक्रिया देते हुए, एक सोशल मीडिया यूजर ने टिप्पणी की, "हाहा, अमूल जिस तरह से सभी उपलब्धियों का जश्न मनाता है, वह बहुत पसंद है." एक अन्य ने लिखा, "मंथन, मंथन."
मंथन फिल्म ने 1977 में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते. हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए और तेंदुलकर को सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था. यह सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म की श्रेणी में 1976 के अकादमी पुरस्कारों में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि भी थी. फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा फिल्म के पुनर्स्थापित संस्करण का प्रीमियर कान में किया गया था.
वहीं, फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले, डॉ. जयेन मेहता और वर्गीज कुरियन की बेटी निर्मला कुरियन ने भारत पवेलियन में अमूल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने न केवल 'मंथन' को बड़े पर्दे पर वापस लाने में अमूल के समर्थन का खुलासा किया, बल्कि फिल्म के निर्माण में सहकारी समिति की अनूठी भागीदारी के बारे में भी बताया. गुजरात की पृष्ठभूमि पर आधारित 'मंथन' पहली भारतीय फिल्म थी, जिसे पूरी तरह से 500,000 किसानों ने क्राउडफंड किया था, जिन्होंने प्रत्येक को 2 रुपये का दान दिया था. कुरियन ने विजय तेंदुलकर के साथ मिलकर फिल्म की पटकथा लिखी.
ये भी पढ़ें- गेहूं खरीद के लक्ष्य से काफी दूर है सरकार, महंगाई कम करने के लिए मिलर्स को कैसे मिलेगा सस्ता गेहूं?
वर्गीस कुरियन एक दूरदर्शी सामाजिक उद्यमी थे, जिन्होंने गुजरात को वैश्विक डेयरी राजधानी में बदल दिया. वे अरबों डॉलर के ब्रांड 'अमूल' के संस्थापक भी थे. सेल्युलाइड पर इस क्रांतिकारी परिवर्तन को लाने वाली यह फिल्म लगभग 100 वर्षों से अधिक समय से चले आ रहे भारतीय सिनेमा के इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में अंकित है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today