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बाजारों में आम की आवक बढ़ने से कीमतों में आई गिरावट, कर्नाटक और महाराष्ट्र के किसानों को फायदा

बाजारों में आम की आवक बढ़ने से कीमतों में आई गिरावट, कर्नाटक और महाराष्ट्र के किसानों को फायदा

हापुस ग्रोअर्स एंड सेलर्स कोऑपरेटिव एसोसिएशन के निदेशक मुकुंद जोशी ने बताया कि फिलहाल बाजार में एक दर्जन हापुस आम की कीमत 800-1,000  तक है. यह आम की औसत दर है. दरअसल इस बार कोंकण में आम के बगीचे बाढ़ के कारण प्रभावित हुए थे. इसके चलते महाराष्ट्र में आम का मौसम जल्दी शुरू हो गया है.

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आम की कीमतों में आई गिरावट (सांकेतिक तस्वीर) आम की कीमतों में आई गिरावट (सांकेतिक तस्वीर)

आम का सीजन अब देश भर में शुरू होने वाला है. हालांकि देश के कई शहरों के बाजारों में फल दुकानों में आम देखे जा रहे हैं. शुरुआती दौर में जब पहली फसल आती है तब महंगी होती है. आम भी शुरुआती दौर में महंगा था. पर इसके बाद आम की कीमतों में गिरावट देखी गई है. आम की कीमतों में यह गिरावट पिछले कुछ हफ्तों के दौरान देखी गई है जब कोंकण क्षेत्र के हापुस किसानों को अपने आम के दाम कम मिले. इसक पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि बाजारों में कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों जगह से आवक बढ़ गई है. बाजार में आम की आवक अधिक होने से कीमतों पर इसका असर पड़ा है. 

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार हापुस ग्रोअर्स एंड सेलर्स कोऑपरेटिव एसोसिएशन के निदेशक मुकुंद जोशी ने बताया कि फिलहाल बाजार में एक दर्जन हापुस आम की कीमत 800-1,000  तक है. यह आम की औसत दर है. दरअसल इस बार कोंकण में आम के बगीचे बाढ़ के कारण प्रभावित हुए थे. इसके चलते महाराष्ट्र में आम का मौसम जल्दी शुरू हो गया है. हालांकि किसानों को डर था कि इस बार आम दिसंबर में हुई बारिश से प्रभावित होगा. पर इस बार अप्रत्याशित बारिश ने उन्हें फायदा पहुंचाया है. इससे जल्दी फल तैयार होने में मदद मिली. मुकुंद जोशी ने कहा कि सबसे पहले हापुस सिंधुदुर्ग से बाजार में आता है, फिर रत्नागिरी और रायगढ़ से आता है. 

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बाजारों में बढ़ी आम की आवक 

हापुस ग्रोअर्स एंड सेलर्स कोऑपरेटिव एसोसिएशन के निदेशक मुकुंद जोशी ने आगे कहा कि इस सीजन में ज्यादातर बाजारों में आम की आवक अचानक बढ़ गई है. बाजार में आम का आवक बढ़ने के पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आंशिक रूप से अच्छा मौसम था, इसलिए वहां से आम की आवक बढ़ गई है. वहां पर आम किसानों को बेमौसम बारिश का सामना नहीं करना पड़ा. इसके कारण यहां के किसानों ने भी फैसला लिया कि वे अपनी उपज समय से पहले बाजार में भेज देंगे. उनके पेड़ में आम तैयार हो चुके हैं. हालांकि ज्यादातर किसान इस बात से डरे हुए थे कि उन्हें आम के बेहतर दाम नहीं मिल पाएंगे. इसलिए जल्दबाजी में उन्होंने समय से पहले आम की कटाई कर ली और उसे बाजार में भेज रहे हैं. इससे बाजार में हापुस समेत अन्य आमों की आवक में बढ़ोतरी हुई है और कीमतें कम हुई हैं. 

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आने वाले दिनों में और कम होगी कीमत

आम के कीमतों की बात करें तो पुणे के थोक बाजार में कर्नाटक के आम 200-300 रुपये प्रति दर्जन बिक रहे हैं. अन्य आम जैसे लालबाग 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है जबकि पयारी 200-300 रुपये प्रति दर्जन की दर से बिक रहा है. इनकी कीमतों में भी गिरावट देखी गई है. मुकुंद जोशी ने आम की वर्तमान कीमत 800-1000 रुपये दर्जन को उचित बताते हुए कहा कि किसानों ने इस कीमत को निर्धारित किया है, यह सही है. पर यह कीमत मार्च के अंत में आम की मिलने वाली कीमत से कम है. उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को आम की अच्छी फसल मिलने की उम्मीद है. ऐसे में आने वाले दिनों में कीमतें और कम हो सकती हैं.