Maize Price: इस साल MSP से अधिक दाम पर बिक सकता है खरीफ मक्का, भाव 2300 रहने की उम्मीद, पढ़ें रिपोर्ट

Maize Price: इस साल MSP से अधिक दाम पर बिक सकता है खरीफ मक्का, भाव 2300 रहने की उम्मीद, पढ़ें रिपोर्ट

Maize Price: तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) ने कहा है कि अगर मॉनसून सामान्य रहा तो इस साल खरीफ फसल की कटाई के बाद आने वाली मक्का की कीमतें लगभग 2,300 प्रति क्विंटल रहने की उम्मीद है. 

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Maize Price: इस साल MSP से अधिक दाम पर बिक सकता है खरीफ मक्का, भाव 2300 रहने की उम्मीद, पढ़ें रिपोर्ट खरीफ मक्के की कीमत, सांकेतिक तस्वीर

देश में मक्का, गेहूं के बाद सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल है. वहीं मक्के की फसल को कई तरह से उपयोग में लाया जाता है. यह मनुष्य और पशुओं दोनों के लिए आहार का काम करता है. इसके अलावा, व्यापारिक दृष्टि से भी इसका बहुत अधिक महत्त्व है. यही वजह है कि मक्के की देशभर में खेती की जाती है. वहीं तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) ने कहा है कि अगर मॉनसून सामान्य रहा तो इस साल खरीफ फसल की कटाई के बाद आने वाली मक्का की कीमतें लगभग 2,300 प्रति क्विंटल रहने की उम्मीद है. 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 27 वर्षों से उडुमालपेट कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) यार्ड में दरों के आधार पर फार्मगेट कीमतों का विश्लेषण करते हुए, सेंटर फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट स्टडीज, टीएनएयू की प्राइस फोरकास्ट स्कीम ने तमिलनाडु में मक्का उत्पादकों को बुवाई के दौरान उचित कदम उठाने की सलाह दी है. गौरतलब है कि कीमत का पूर्वानुमान इस फसल वर्ष (जुलाई 2023-जून 2024) के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,090 रुपये प्रति क्विंटल के विपरीत है.

बढ़ सकती हैं मक्के की कीमतें

विश्वविद्यालय ने व्यापार सूत्रों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मक्के की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से आवक कम हो सकती है. इसमें कहा गया है कि वैश्विक बाजार में भारतीय मक्के की मांग बहुत अधिक है, क्योंकि सूखे के कारण अर्जेंटीना में मक्के का रकबा कम है, जबकि रूस के साथ चल रहे युद्ध के कारण यूक्रेन से सप्लाई कम हो गई है.

मक्के का निर्यात 

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मक्के का निर्यात 8.42 लाख टन था, जिसका मूल्य 234 मिलियन डॉलर था. पहली तिमाही में वियतनाम, नेपाल, बांग्लादेश और मलेशिया भारतीय मक्के के सबसे बड़े खरीदार थे. टीएनएयू के मुताबिक, म्यांमार, पाकिस्तान और भूटान भी भारतीय मक्का खूब खरीदते हैं.

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मक्के का रिकॉर्ड उत्पादन 

तमिलनाडु में 4 लाख हेक्टेयर में मक्के की खेती की जाती है और 2021-22 में उत्पादन 2.82 मिलियन टन था. यह फसल सलेम, डिंडीगुल, नमक्कल, पुदुकोट्टई, तिरुप्पुर, विल्लुपुरम, पेरम्बलुर और अरियालुर जिलों में उगाई जाती है. फसल वर्ष 2022-23 में मक्के का उत्पादन रिकॉर्ड 35.91 मिलियन टन था, जिसमें 99.5 लाख हेक्टेयर हार्डी फसल के अंतर्गत आता था. वहीं कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान प्रमुख उत्पादक राज्य हैं.

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