scorecardresearch
होली के पहले ही प्याज का बढ़ने लगा भाव, 15 दिन में 30 प्रतिशत तक चढ़ गए रेट

होली के पहले ही प्याज का बढ़ने लगा भाव, 15 दिन में 30 प्रतिशत तक चढ़ गए रेट

इस बार रबी सीजन में प्याज की बुवाई कम हुई है. इसके कारण इसके उत्पादन में कमी आ सकती है. सरकारी अनुमान के मुताबिक 2023-24 में प्याज के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल प्याज का उत्पादन 254 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले साल प्याज का उत्पादन 302 लाख टन हुआ था.

advertisement
30 फीसदी महंगा हुआ प्याज 30 फीसदी महंगा हुआ प्याज

इस बार होली में ग्राहकों को महंगे प्याज की खरीदारी करनी पड़ सकती है. होली में प्याज की खपत बढ़ जाती है इसके कारण दाम बढ़ते हैं पर इस बार होली से पहले ही प्याज की कीमतें 30 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं. देश के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी पिछले 15 दिनों में हुई है. खुदरा बाजार में 30 रुपये किलो की दर से बिक रही प्याज अब 40 रुपये प्रति किलो की दर स बिक रही है. सिर्फ प्याज ही नहीं बाजार में आलू की कीमतों में भी 25-30 फीसदी बढ़ोतरी हुई है जबकि इस वक्त बाजार में नए आलू आ रहे हैं. खुदरा बाजार में 15 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाला आलू 20 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. 

गौरतलब है कि हाल में सरकार ने देश में प्याज की कम होती कीमतों को देखते हुए एक लाख टन प्याज के निर्यात को मंजूरी दी थी. पर उस वक्त सरकार की सरकार की शर्त यह थी कि जब तक प्याज की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी तब तक निर्यात जारी रहेगा. प्याज की बढ़ती हुई कीमतों को देखते हुए अब लोकसभा चुनाव तक प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के हटने की कोई उम्मीद नहीं है. कयास लगाए जा रहे हैं कि देश में अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव हो जाएंगे. बता दें कि सरकार ने प्याज किसानों की आय बढ़ाने की मंशा के साथ ही एक लाख टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी. 

ये भी पढ़ेंः ऑर्गेनिक खेती के जुनून में बैंक की बड़ी नौकरी छोड़ी, अब करोड़ों में कमाते हैं पुणे के ये दो भाई

प्याज के उत्पादन में आएगी कमी

खुदरा बाजार में प्याज की बढ़ती कीमतों में बढ़ोतरी की पीछे की वजह यह भी मानी जा रही है कि इस बार रबी सीजन में प्याज की बुवाई कम हुई है. इसके कारण इसके उत्पादन में कमी आ सकती है. सरकारी अनुमान के मुताबिक 2023-24 में प्याज के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल प्याज का उत्पादन 254 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले साल प्याज का उत्पादन 302 लाख टन हुआ था. देश में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है, पर इस बार यहां भी प्याज का उत्पादन कम होने की आशंका है. देश में रबी सीजन के दौरान ही 60 फीसदी से अधिक प्याज का उत्पादन होता है. 

ये भी पढ़ेंः पशुओं के बच्चों को ठंड से बचाने के लिए ये उपाय करें जम्मू-कश्मीर के किसान, पढ़ें मौसम विभाग की सलाह

कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहती है सरकार

सूत्रों के अनुसार सरकार फिलहाल लोकसभा चुनाव तक किसी भी प्रकार का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है क्योंकि खुदरा महंगाई बढ़ने में सबबे अधिक सब्जियों का होता है. खास कर आलू और प्याज इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए सरकार लोकसभा चुनाव होने तक आलू और प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 30-35 रुपये किलो तक बनी रहती तो 31 मार्च के बाद प्याज के निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध हटाया जा सकता था. पर फिलहाल ऐसी कोई भी संभावना नहीं दिखाई दे रही है क्योंकि होली का त्योहार है और प्याज की मांग अधिक होगी, तो इसकी कीमतों में और तेजी आ सकती है.