जम्मू-कश्मीर में फिलहाल बर्फबारी और बारिश का दौर थम चुका है. पर ठंड से अभी भी राहत नहीं मिली है. यहां के कई क्षेत्रों का अधिकतम तापमान दिन में औसतन 20 डिग्री तक रह रहा है जबकि न्यूनतम तापमान 5 से 10 डिग्री के बीच रह रहा है. ऐसे मौसम में खेतों के साथ-साथ पशुओं का भी खास ध्यान रखना पड़ता है ताकि किसानों को किसी प्रकार से नुकसान नहीं हो. भारत मौमस विज्ञान विभाग यानी कि IMD की तरफ से जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए सलाह जारी की गई है. सलाह की मदद से किसान अपने पालतू पशुओं जैसे गाय, बकरी, भेड़ और मुर्गियों का अच्छे से खयाल रख सकते हैं. पशुओं को अधिक ठंड लगने के मौत हो सकती है या वे बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. इससे पशुपालकों को नुकसान हो सकता है.
गायों को लेकर जारी सलाह में कहा गया है कि तामपान कम रहने के कारण पशुओं में पाचन संबंधी रोग होने की संभावना रहती है. इसलिए सर्दियों में पशुओं को उचित आहार देना चाहिए. उनके खाने में मिनरल्स की उचित मात्रा होनी चाहिए. उचित भोजन नहीं मिलने पर गायों को मिल्क फीवर और हाइपोमैग्नेसीमिया हो सकता है. इसलिए दूधारू पशुओं को आहार में खासकर कैल्शियम और मैग्नीशियम की खुराक जरूर देनी चाहिए. गाय को थनैला रोग से बचाने के लिए उनके बैठने की जगह को साफ रखें. साथ ही उनके थन को हमेशा साफ रखें. गायों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें धूप निकलने पर चरने के लिए बाहर ले जाएं और पीने के लिए गुनगुना पानी दें. इसके साथ ही दूध की पैदावार बढ़ाने के लिए पशुओं को पर्याप्त मात्रा में मिनरल्स खिलाएं.
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इस ठंड में गाय, भेड़ और बकरियों के नवजात शिशुओं पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. ठंड से इन्हें बहुत नुकसान होता है. नवजात शिशुओं को हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए उन्हें गर्म जगह पर रखें और गर्माहट प्रदान करें. ठंड लगने के कारण शिशुओं को सांस लेने में तकलीफ होती है और उनकी मौत हो जाती है. इसलिए उनकी विशेष देखभाल करनी चाहिए. उन्हें गर्म और आरामदायक आश्रय देना चाहिए. साथ ही किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए साफ जगह पर रखा जाना चाहिए. उन्हें अच्छी हवादार जगह में रखें और पीने के लिए साफ और गुनगुना पानी पीने के लिए दें. साथ ही उन्हें खाने में हल्का नमक दें.
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भेड़ और बकरियों में ग्लूकोज की कमी के कारण गर्भावस्था के दौरान टॉक्सिमिया हो सकता है. इसकी रोकथाम के लिए उन्हें पर्याप्त पोषण दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही इस दौरान भेड़-बकरियों में गैस की समस्या हो जाती है. इससे बचाव के लिए खाने में अतिरिक्त अनाज पशुओं को नहीं दें. साथ ही उनके सही-खानपान पर ध्यान दें. पीने के लिए साफ और गुनगना पानी दें. उन्हें ठंड और डी-हाइड्रेशन से बचाने के लिए झुंड में रखें. इन सलाहों का पालन करके पशुपालक ठंड से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.
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