केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद 6 देशों में 99,150 मीट्रिक टन प्याज निर्यात की अनुमति दी है. बीजेपी नेताओं ने इसके संबंध में बयान भी दिया है. जिसके बाद से महाराष्ट्र में किसानों और विपक्षी दल सरकार के खिलाफ उतर आए हैं और प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं. किसानों ने सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ भी आवाज उठाई है. किसान संघों ने सरकार के इस फैसले को धोखा बताते हुए कहा कि सरकार ने फिर अपना पुराना फैसला दोहराया है और इससे किसानों को किसी प्रकार का फायदा नहीं हो रहा है.
किसान नेता राजु शेट्टी ने दोहरे मापदंड अपनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि भले ही बीजेपी प्याज को चुनावी मुद्दा नहीं बना रही है पर यह आने वाले चरणों में बीजेपी पर भारी पड़ सकता है. क्योंकि हो सकता है कि उत्तर और पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के किसान विरोध कर सकते हैं. क्योंकि जहां एक ओर केंद्र सरकार ने 2000 टन सफेद प्याज के निर्यात को अनुमति दी है वहीं नासिक और लासलगांव सहित कई जिलों के किसान जो निर्यात प्रतिबंध के कारण नुकसान का सामना कर रहे है. वहीं शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सरकार के इस फैसले को महाराष्ट्र विरोध बताया है.
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उल्लेखनीय है कि शनिवार को पीआईबी तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार की तरफ से छह देशों बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 मीट्रिक टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है. बयान में कहा गया है कि नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) इस निर्यात की सुविधा प्रदान करेगी. बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. फड़णवीस ने अपने पोस्ट में कहा, ''इस फैसले से महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. फड़णवीश के अलावा और भी विपक्ष के नेता आगे और विपक्षी नेताओं पर पलटवार किया है.
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नासिक में महाराष्ट्र प्याज उत्पादक किसान संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिसंबर महीने में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा की थी और इसे 31 मार्च 2024 को हटाया जाना था. पर इसके बाद फिर से सरकार ने 22 मार्च 2024 को फिर से प्याज पर प्रतिबंध को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया. इस बीच केंद्र सरकार ने कुल 99,150 मीट्रिक टन प्याज एनसीई के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से छह देशों में निर्यात की घोषणा की. हालांकि सरकार का ताजा फैसाल प्याज के निर्यात से पूरी तरह प्रतिबंध नहीं हटाता है. सरकार ने सिर्फ किसानों को शांत करने के लिए यह फैसला किया है. दिघोले ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध के कारण लासलगांव बाजार में कीमतों में गिरावट आई और प्रत्येक किसान को प्रति एकड़ 1.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
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