सुप्रीम कोर्ट किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य से जुड़े मामले और अन्य याचिकाओं पर 15 जनवरी को सुनवाई करेगा. डल्लेवाल अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ डल्लेवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका में केंद्र सरकार को फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत एक प्रस्ताव लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है. यह प्रस्ताव कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को दिया गया था.
शीर्ष अदालत ने केंद्र से पूछा था कि सरकार यह क्यों नहीं कह सकती कि उसके दरवाजे खुले हैं और वह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की वास्तविक शिकायतों पर विचार करेगी.
मालूम हो कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. बीच में कई बार उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हुआ, जिसके बाद उनकी देखभाल में लगे डॉक्टरों हालात काबू किए. डल्लेवाल किसी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता लेने से मना कर चुके हैं.
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में पंजाब सरकार को किसान नेता डल्लेवाल की सेहत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती करने का निर्देश दिया था. इस पर पंजाब सरकार ने डल्लेवाल से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए हामी भरने का आग्रह किया, लेकिन किसान नेता ने इसे स्वीकार नहीं किया.
इसके बाद पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में असमर्थता जताई, जिसपर कोर्ट ने राज्य को फटकार लगाई. हालांकि, एक और सुनवाई में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मोहलत मांगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
डल्लेवाल के अनशन ने एक प्रकार से शांत हो रहे आंदोलन में नई जान डाल दी है. उनके अनशन पर बैठने के बाद किसानों ने तीन बार दिल्ली कूच का प्रयास किया. किसान संगठनों की कई अहम बैठकें भी हो चुकी हैं. हाल ही में 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर महापंचायत आयोजित हुई, जिसमें डल्लेवाल के बुलावे पर लाखों किसान वहां पहुंचे. डल्लेवाल ने किसानों को संबोधित करने की इच्छा जताई थी.
वहीं, पंजाब के मोगा में 9 जनवरी को बैठक में 30 किसान यूनियनों के एकछत्र संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया और सभी किसान संगठनों से एकजुट होने को कहा. SKM ने 6 सदस्यों की एकता कमेटी बनाई है. बीते दिन SKM ने SKM (गैर राजनीतिक) और किसान मजूदर मोर्चा (KMM) के साथ एक बैठक की. अब अगली बैठक 18 जनवरी को होगी. अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये तीनों किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर एक साथ आंदोलन को तेज करेंगे. (एजेंसी इनपुट के साथ)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today