पिछले 11 महीनों से किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे हैं. शांत आंदोलन में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एक बार फिर नए प्राण फूंक दिए है. आज उनके अनशन का 50वां दिन है. उनकी हालत दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. वहीं, उनके साथ किसान नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर डल्लेवाल को अनशन के दौरान कुछ होता है तो सरकार हालात नहीं संभाल पाएगी. अब तक खनौरी और शंभू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. इस आंदोलन का नेतृत्व मुख्य रूप से जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं. डल्लेवाल के अनशन के 50 दिनों में क्या-क्या हुआ, जानिए…
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू करने की बात कही थी. इसके पहले ही रात में पंजाब पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई और अस्पताल में भर्ती कर उनकी स्वाथ्स्य जांच कराई, जहां उन्होंने अस्पताल से ही अनशन जारी रखा. बाद में पुलिस द्वारा छोड़े जाने पर वे खनौरी आ गए और तब से वहीं उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी है.
शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने दिसंबर के पहले से दूसरे हफ्ते के बीच तीन बार दिल्ली कूच करने की कोशिश की, जिसपर हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया. हरियाणा पुलिस का कहना था कि वे दिल्ली पुलिस से मंजूरी का आदेश उन्हें दिखा देंगे तो वे उन्हें जाने देंगे. हालांकि, किसानों के जत्थे ने तीन बार दिल्ली कूच का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा पुलिस ने एक्शन लेते हुए वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले आदि का प्रयोग किया, जिसमें कई किसान घायल हुए. तब से अब तक किसान नेता कई मीटिंग कर चुके हैं.
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अपने अनशन के दौरन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के नाम अपनी मांगें और पिछले वादों के तथ्य रखते हुए खुला पत्र लिख चुके हैं. इसमें उन्होंने यहां तक लिखा कि अगर अनशन के दौरान उनकी जान जाती है ताे इसके जिम्मेदार पीएम मोदी होंगे.
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हाल ही में 4 जनवरी को उनके आह्वान पर पंजाब और हरियाणा के लाखों किसानों खनौरी मोर्चे पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने शक्ति प्रदर्शन किया. हालांकि, उसी दिन टोहाना में भी किसान महापंचायत बुलाई गई थी, जिसे लेकर किसान संगठनों में एकजुटता की कमी की बात कही जा रही थी.
अब हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब के मोगा में किसान महापंचायत की बैठक बुलाई, जिसमें एमएसपी कानून को लेकर किसान संगठनों की एकजुटता का प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें 6 SKM ने सदस्यीय कमेटी का गठन कर विभिन्न किसान संगठनों को साथ लाने का काम सौंपा.
इसके बाद 10 जनवरी को यह कमेटी खनौरी पहुंची और SKM (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को 15 जनवरी की पटियाला बैठक में शामिल होने का न्योता दिया. इस पर SKM (गैर राजनीतिक) के नेता काका सिंह कोटड़ा ने उनसे कहा कि डल्लेवाल की तबीयत बहुत खराब है. ऐसे में अब बैठक का समय नहीं है, वे खुद ही आंदोलन में उनका साथ दें.
लेकिन, इसके अगले दिन किसान मजदूर मोर्चा की ओर से आधिकारिक रूप से पत्र जारी कर SKM के सामने प्रस्ताव रखा गया कि डल्लेवाल की तबीयत खराब होने के कारण वे उन्हें छोड़कर पटियाला नहीं आ सकते. ऐसे में वे (SKM) ही खनौरी पर बैठक आयोजित करें, जिसके बाद खनौरी के पास पातड़ा में एक गुरुद्वारे में 13 जनवरी को बैठक आयोजित हुई. किसान नेताओं ने बैठक को लेकर खुशी जताई है. अब अगली बैठक 18 जनवरी को होगी, जिससे कोई ठोस परिणाम सामने आएगा.
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