किसान आंदोलन रोकने वाले पुलिसकर्मियों के लिए हरियाणा सरकार ने मांगा वीरता पुरस्कार, गृह मंत्रालय को भेजी चिट्ठी

किसान आंदोलन रोकने वाले पुलिसकर्मियों के लिए हरियाणा सरकार ने मांगा वीरता पुरस्कार, गृह मंत्रालय को भेजी चिट्ठी

दो जुलाई को भेजी गई अपनी सिफारिश में हरियाणा सरकार में कहा है कि इन छह पुलिस अधिकारियों ने किसानों के आंदोलन के दौरान उनके दिल्ली मार्च को रोकने के लिए अभूतपूर्व और बड़े साहस का परिचय दिया था. इन छह अधिकारियों में से छह इंडियन पुलिस सर्विस से हैं और तीन अधिकारी हरियाणा पुलिस के हैं.

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किसान आंदोलन रोकने वाले पुलिसकर्मियों के लिए हरियाणा सरकार ने मांगा वीरता पुरस्कार, गृह मंत्रालय को भेजी चिट्ठीकिसान आंदोलन के दौरान सुरक्षा (फाइल फोटो)

हरियाणा सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक चौंकाने वाला प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में हरियाणा सरकार ने अपने 6 पुलिस अधिकारियों को प्रेसीडेंट से सम्मानित करने के लिए आग्रह किया है. सरकार का कहना है कि आंदोलन के दौरान किसानों के मार्च को रोकने में इन पुलिस अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसलिए इन्हें प्रेसीडेंट मेडल दिया जाना चाहिए. प्रस्ताव में कहा गया है कि शंभू और खनौरी सीमा पर फरवरी महीने में हुए किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की भूमिका सराहनीय थी. अब इस प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. 

दो जुलाई को भेजी गई अपनी सिफारिश में हरियाणा सरकार में कहा है कि इन छह पुलिस अधिकारियों ने किसानों के आंदोलन के दौरान उनके दिल्ली मार्च को रोकने के लिए अभूतपूर्व और बड़े साहस का परिचय दिया था. फरवरी महीने में अपनी मांगों के तहत विरोध प्रदर्शन करते हुए किसान दिल्ली मार्च करना चाह रहे थे. तब पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोका था. इन छह अधिकारियों में से छह इंडियन पुलिस सर्विस से हैं और तीन अधिकारी हरियाणा पुलिस के हैं. इस सिफारिश के बाद गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार को 8 जुलाई को दो पत्र लिखा है जिसमें सिफारिश की गई अधिकारियों की फायरिंग डिटेल मांगी गई है. 

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सरकार के लिए बड़ी परेशानी

गृह मंत्रालय द्वारा फायरिंग डिटेल मांगे जाने के बाद राज्य सरकार के पास एक दूसरी समस्या खड़ी हो गई है. राज्य में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कहा है कि किसानों के दिल्ली मार्च को रोकने के दौरान पुलिस की तरफ से किसी प्रकार की गोलीबारी नहीं की गई थी. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने यह भी पाया है कि किसानों के आंदोलन के दौरान रैपिड एक्शन फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल और इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवानों की तैनाती भी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर की गई थी. लेकिन उनकी तरफ से किसी प्रकार की सिफारिश नहीं की गई है. हालांकि इस संयुक्त अभियान के सवाल पर सरकार की तरफ से नहीं का जवाब दिया गया है. 

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इन अधिकारियों के लिए सिफारिश

गृह मंत्रालय के सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के सवाल पर हरियाणा सरकार की तरफ से अभी जवाब देने की तैयारी नहीं हुई है. हरियाणा सरकार की तरफ से 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर कार्रवाई के लिए आईजीपी शिबाश कबीराज, एसपी जशनदीप सिंह रंधावा, डीसीपी नरेंद्र सिंह और डीएसपी राम कुमार की सिफारिश की गई है. 13 फरवरी और 14 फरवरी को जींद के नरवाना में दाता सिंह वाला चेक पोस्ट पर कार्रवाई के लिए एसपी सुमित कुमार और डीएसपी अमित भाटिया की सिफारिश की गई है. यहां पर जब विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, उस वक्त इन अधिकारियों को तैनात किया गया था.

 

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