देश में लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. अब जल्द ही देश में चुनाव होंगे और अगली सरकार का गठन होगा. पर इन सबके बीच किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर अड़े हुए हैं. देश में आचार संहिता लागू होने के बाद भी किसान बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं औऱ फिलहाल उनके रुख को देखकर लग रहा है कि वो आंदोलन से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. इधर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक किसान पीछे नहीं हटने वाले हैं. नई सरकार बनने का तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि भले ही देश में आचार संहिता लागू हो गई है पर किसी को अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाने से नहीं रोका जा सकता है.
बता दें कि किसान एमएसपी गारटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर लेकर 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं. किसान दिल्ली में आंदोलन करने की तैयारी में थे पर उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेडिंग करके रोक दिया गया है. फिलहाल एक महीने से अधिक समय से किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जमे हुए हैं और अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच किसानों को पुलिस के झड़प भी हुई थी. माना जा रहा था कि देश में लोकसभा चुनावों की तारीखों का एलान होने के बाद आदर्श आचार संहिता लग जाएगी इसके बाद किसान आंदोलन खत्म कर देंगे. पर अब ऐसा लग रहा है कि अगली सरकार को ही किसानों की मांगों पर विचार करना होगा. क्योंकि किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो धरने पर बैठे रहेंगे.
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मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक किसान नेता ने कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर मौजूद रहेंगे. जबकि अब मंडी डबवाली बॉर्डर पर भी किसानों का जुटान शुरू हो गया है. किसानों के इस आंदोलन और भी सरकारी कर्मचारी संगठनों का साथ मिल रहा है. डल्लेवाल के बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि अलग-अलग सरकारी संगठनों ने भी किसान आंदोलन का सहयोग करने पर सहमति जताई है और वो आगे भी आ रहे हैं. इस आंदोलन को बनाए रखने के लिए फैसला करने के लिए कई किसान संगठनों के साथ बैठक की गई थी, इसके बाद यह फैसला किया गया है कि यह आंदोलन जारी रहेगा.
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इधर मृतक किसान शुभकरण सिंह की अस्थि कलश यात्रा जारी है. यह हरियाणा के गांवों गांवों तक जा रही है. इसके बाद किसान 23 मार्च को एक बड़ा कार्यक्रम करने वाले हैं. वहीं किसान आंदोलन को लेकर संघ ने एक बड़ा आरोप लगाया है. संघ ने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन के जरिए अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. इसके जरिए पंजाब में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा मिल रहा है. इस आरोपों की आलोचना करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह समाज में फूट डालने जैसा है. किसान अपनी मांग कर रहे हैं जो उचित है.
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