Action against corruption : छत्तीसगढ़ में उद्यान एवं वानिकी विवि के कुलपति पद से हटाए गए डॉ कुरील

Action against corruption : छत्तीसगढ़ में उद्यान एवं वानिकी विवि के कुलपति पद से हटाए गए डॉ कुरील

छत्तीसगढ़ में Assistant Professor पद पर भर्ती में गड़बड़ी को लेकर भारी बवाल मचा हुआ है. असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भ्रष्टाचार के मुद्दे की आंच एक विश्वविद्यालय के कुलपति तक पहुंच गई है. इस मामले की जांच में कुलपति की भूमिका होने के शुरुआती सबूत मिलने के बाद राज्यपाल ने सख्त कार्रवाई करते हुए कुलपति को पद से हटा दिया है.

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Action against corruption : छत्तीसगढ़ में उद्यान एवं वानिकी विवि के कुलपति पद से हटाए गए डॉ कुरीलभ्रष्टाचार के ख‍िलाफ सख्त हुए छत्तीसगढ़ में राज्यपाल

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित सहायक प्राध्यापक भर्ती घोटाला मामले की गाज दुर्ग स्थित Mahatma Gandhi Horticulture and Forestry University के कुलपति डॉ आरएस कुरील पर पड़ी है. डॉ कुरील के बारे में प्रकाशित तमाम मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनका वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से पुराना नाता रहा है. वह इसके पहले भी रांची स्थित बिरसा कृष‍ि विश्वविद्यालय सहित अन्य शिक्षण संस्थानों के कुलपति या निदेशक रहे हैं. जहां से उन्हें पहले भी अनियमितताओं के आरोप में पद से हटाने की कार्रवाई हो चुकी है. ताजा प्रकरण में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने डॉ कुरील के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. इसके साथ ही रायपुर मंडल के मंडल आयुक्त को विश्वविद्यालय के Vice Chancellor का कार्यभार भी तत्काल प्रभाव से सौंप दिया गया है.

ये है मामला

दुर्ग के पाटन में स्थित महात्मा गांधी उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय की ओर से उद्यान एवं वानिकी विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के लगभग 3 दर्जन पदों पर भर्ती की गई थी. आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों की बड़े पैमाने पर अनदेखी की गई. यहां तक कि कुलपति ने पीएचडी डिग्री धारक आवेदकों को दरकिनार कर गैर पीएचडी आवेदकों की भर्ती कर दी. इनमें भर्ती हुए कुछ आवेदक कुलपति के करीबी होने की भी शिकायत राजभवन में राज्यपाल के समक्ष की गई थी.

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राजभवन की ओर से जारी बयान के अनुसार इस संबंध में जारी किए गए आदेश में रायपुर के मंडल आयुक्त डॉ संजय अलंग को विश्वविद्यालय के कुलपति पद का दायित्व संभालने का निर्देश दिया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक डॉ अलंग ने राज्यपाल के आदेश का पालन करते हुए कुलपति के पद का दायित्व संभाल लिया है.

आरोपों से घिरा अतीत

गौरतलब है कि डॉ कुरील को छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा जनवरी 2022 में उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया था. इससे पहले वह रांची के बिरसा कृष‍ि विश्वविद्यालय और एमपी के महू में स्थित डॉ बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं. साथ ही वह यूपी में ग्रेटर नोएडा स्थित Institute of Horticulture Technology के निदेशक भी रहे हैं. रांची और महू में भी डॉ कुरील पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे थे. महू में डॉ कुरील को वित्तीय एवं प्रशासनिक गड़बड़ियों के गंभीर आरोपों के चलते 2016 में कुलपति के पद से हटाया गया था.

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अगस्त 2020 में उन पर रांची के बिरसा कृष‍ि विश्वविद्यालय में 47 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप लगा. इसकी जांच में उन पर 1.54 करोड़ रुपये पेंटिंगों पर और 46 लाख रुपये फर्नीचर पर खर्च करने सहित अन्य गैर जरूरी खर्च करने की बात सामने आई.

ताजा प्रकरण में भी छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 17 अंतर्गत डॉ. राम शंकर कुरील को कुलपति के पद से तत्काल प्रभाव से हटाये जाने का आदेश पारित किया है. राज्यपाल के सचिव की ओर से जारी आदेश में विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 14(7) के अंतर्गत रायपुर संभाग के मंडल आयुक्त डॉ संजय अलंग को विश्वविद्यालय के कुलपति पद का दायित्व संभालने को कहा गया है.

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