
राजस्थान के धौलपुर और मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के किसान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा बनाए जा रहे ग्रीन फील्ड सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. धौलपुर जिले के गांव गोपालपुरा में आयोजित महापंचायत में किसानों ने चंबल नदी पर पुल के साथ उतार-चढ़ाव और सर्विस रोड बनाने की मांग की है ताकि चंबल संभाग के लगभग 400 गांव-ढाणियों के ग्रामीणों को बेहतर आवागमन सुविधा मिल सके.
किसानों ने बताया कि राजाखेड़ा (धौलपुर) और मुरैना-अंबाह (मध्य प्रदेश) के बीच फ्लाईओवर के क्रॉसिंग पर उचित मुआवजा दिए बिना भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे एक्सप्रेस-वे निर्माण के खिलाफ आंदोलन करेंगे.
ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर कम हैं और चंबल नदी की बाढ़ से खरीफ की फसल हर साल बर्बाद हो जाती है. यदि पुल के साथ सर्विस रोड बनाया गया, तो दोनों राज्यों के बीच व्यापार बढ़ेगा और लोगों को नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. फिलहाल करीब 5000 लोग रोजाना धौलपुर और मुरैना के बीच लकड़ी की नाव से यात्रा करते हैं, जो 70 किलोमीटर तक का फेर लगाता है.
धौलपुर की राजाखेड़ा तहसील के कछियारा क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों लोग नाव से चंबल नदी पार कर मध्य प्रदेश के मुरैना और अंबाह पहुंचते हैं. एक्सप्रेस-वे बनने से आगरा और ग्वालियर के बीच 32 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी और आधा घंटा समय बचेगा.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच बह रही चंबल नदी को लकड़ी की नावों के सहारे प्रतिदिन करीब पांच हजार लोग इधर-उधर से जाते हैं. इन नावों में लोग दुपहिया वाहन भी ले जाते हैं. चंबल पार मध्य प्रदेश के अंबाह और पोरसा की दूरी करीब 15 किलोमीटर रह जाती है जबकि सड़क मार्ग से जाने के लिए करीब तीन से चार घंटे का समय लगता है.
धौलपुर जिले की राजाखेड़ा तहसील के कछियारा क्षेत्र में दो घाटों पर लकड़ी की नावों का संचालन किया जाता है. हर दिन यहां से हजारों लोग यात्रा करते हैं और 20 मिनट में राजस्थान से लोग मध्यप्रदेश के मुरैना और अंबाह में प्रवेश कर जाते हैं. बता दें कि एनएचएआई द्वारा ग्रीन फील्ड सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे करीब 4613 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.
निर्माण को लेकर टेंडर भी हो चुका है. एक्सप्रेस-वे निर्माण को लेकर मिट्टी परीक्षण हो गया है. करीब 88 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे मे धौलपुर का हिस्सा करीब 30 किलोमीटर है. इससे आगरा और ग्वालियर के बीच 32 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी और करीब आधा घंटा समय भी बचेगा. एक्सप्रेस-वे सीधे ही आगरा नोएडा एक्सप्रेस वे से लिंक किया जाएगा.
साथ ही दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा सहित उससे जुड़े अन्य शहरों की राह आसान हो जाएगी. इस एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि के अधिग्रहण के बदले मुआवजा वितरण की प्रक्रिया की जानी है. निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे आगरा से शुरू होकर धौलपुर और मुरैना होते हुए ग्वालियर के सुसेरा गांव तक पहुंचेगा. साथ ही हाईवे पर सघन वृक्ष लगाए जाएंगे.
राजस्थान के क्षेत्रीय विधायक रोहित बोहरा ने कहा है कि अधिग्रहित भूमि का मुआवजा चल रही दर पर दिया जाए और चंबल नदी पुल पर दो राज्यों के ग्रामीणों के लिए उतार-चढ़ाव सहित सर्विस रोड बनाया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो एक्सप्रेस-वे के निर्माण को रोका जाएगा.(उमेश मिश्रा का इनपुट)
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