
वर्ल्ड कोऑपरेटिव इकोनामिक फोरम और इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (IRMA) की ओर से गुजरात के आणंद स्थित इरमा कैंपस में सहकारिता क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया. दिन भर चले इस मंथन में देश मे कोऑपरेटिव इकोनॉमिक जोन (CEZ) बनाने की जरूरत पर बल दिया गया. नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया (NCUI) और इसको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने कहा कि आर्थिक असमानता कम करने और सीमांत राज्यों में विकास की नई कहानी लिखने के लिए कोऑपरेटिव द्वारा संचालित इकोनामिक जोन की सख्त जरूरत है. इस संबंध में कानूनी प्रक्रियाओं और नीतिगत फैसलों को वर्ल्ड कोऑपरेटिव इकोनामिक फोरम के माध्यम से भारत और विश्व के दूसरे देशों में शुरू करने की कवायद होगी.
वरिष्ठ कानूनविद संवेदना वर्मा ने कहा कि कोऑपरेटिव से जुड़े विवादों के समाधान के लिए एक अलग कानूनी व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि पूर्व में सहकारिता क्षेत्र जैसे विवाद कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन को न देखना पड़े. फोरम इसके लिए एक लीगल कमेटी का गठन करेगी. अब सहकारिता क्षेत्र के जरिए एक्सपोर्ट पर फोकस किया जा रहा है इसलिए इससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय नियम कानूनों को लेकर एक सिंगल विंडो सिस्टम मनाया जाएगा, ताकि एक्सपोर्ट करने में कानूनी परेशानियों का सामना न करना पड़े.
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ब्लॉकचेन एक्सपर्ट आशीष आनंद ने कहा कि कोऑपरेटिव सेक्टर में प्रोडक्ट को कैसे ट्रेसेबल बनाया जाए इस पर काम करने की जरूरत है ताकि उसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में विश्वसनीयता बढ़े. एग्रीकल्चर कमोडिटी ट्रेडिंग का काम करने वाले नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के सीईओ और एमडी अरुण रास्ते ने कहा कि वो सारी गलतियां ना दोहराई जाएं जो स्पेशल इकोनामिक जोन और फूड पार्क में दोहराई गई हैं. पुरानी गलतियों से सीख लेकर कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन को आगे बढ़ाया जाए. जिससे आने वाले समय में समस्या न आए.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. सुधीर सुथर ने कहा कि कोऑपरेटिव इकोनॉमिक जोन का फोकस घरेलू उपभोक्ता होने चाहिए क्योंकि दुनिया अब वैश्वीकरण की बजाय लोकल फ़ॉर वोकल पर जोर दे रही है. प्रो. सुथर ने विश्वविद्यालय में कैंपस कोऑपरेटिव बनाने की वकालत की. उत्तर प्रदेश में गृह विभाग के विशेष सचिव योगेश कुमार ने कहा यूपी में 20 से भी ज्यादा अलग-अलग उत्पादों के क्लस्टर पहले से ही बने हुए हैं, उनको कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन में कन्वर्ट करना सहकार से समृद्धि का एक नया रास्ता होगा.
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी दिवे सेठी ने कहा कि कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन में टैक्सेशन के लिए ढांचागत परिवर्तन करने की जरूरत होगी ताकि सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. ऑल इंडिया एग्रीकल्चर स्टूडेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और बायोटेक्नोलॉजिस्ट सुधीर झा ने कहा कि दलहन और तिलहन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोऑपरेटिव इकोनॉमिक जोन का गठन अत्यंत आवश्यक है. क्लाइमेट चेंज की चुनौती को देखते हुए नॉन टिंबर फूड प्रोडक्ट के सहकारी समितियां से जोड़कर जोन में मार्केटिंग की व्यवस्था बनाई जा सकती है.
एमएसपी कमेटी के सदस्य विनोद आनंद ने कहा कि वर्ल्ड कोऑपरेटिव इकोनामिक फोरम संपूर्ण विश्व में भारत के सहकारिता मॉडल को ले जाने का काम करेगा. उन्होंने सगोसर्व जैसी सहकारी संस्थाओं का उदाहरण देते हुए कि वर्तमान में भारत में 637 कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन की स्थापना बिना किसी वाद-विवाद और कम से कम लागत में अगले दो वर्षों में ही हो सकती है. दिलीप भाई संघानी की अध्यक्षता में एक स्टडी ग्रुप बनाकर कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन से संबंधित एक्ट कैसे जल्दी से जल्दी बने उसके गठन का प्रस्ताव रखा. पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट विनीता हरिहरन ने केरल में हुए सहकारी क्षेत्र के घोटालों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कोऑपरेटिव इकोनामिक जोन जैसे संगठनों की महत्ता बताई.
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इस मौके पर NCDEX ने कमोडिटी रिसर्च और अन्य पहलुओं पर काम करने के लिए इरमा में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत की. इस केंद्र के कर्ताधर्ता इरमा के प्रो. राकेश अरावतिया ने कहा की वायदा बाजार में किसानों को कैसे उनकी फसलों का उचित दाम मिले, इस पर इस सेंटर में एनसीडीईएक्स के साथ मिलकर काम होगा. यह काम कोऑपरेटिव इकोसिस्टम के जरिए किया जाएगा, जिसमें वर्ल्ड कोऑपरेटिव इकोनामिक फ़ोरम की भूमिका अहम होगी.
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