UP News: हमारा अन्नदाता किसान जब आपस में मिलता है तो राम-राम कहता है. आज अयोध्या में रामलला भी आ गए हैं और प्रदेश के अपराधियों का राम नाम सत्य भी हो गया है. उत्तर प्रदेश में सभी कार्य श्रीराम का नाम लेकर चल रहा है, इसलिए किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. ये वही उत्तर प्रदेश है जहां 2017 से पहले न किसान सुरक्षित था, न उसकी फसल, न बिजली थी, न किसान का सम्मान, न बीज मिलता था और न खाद और पानी. ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कृषकों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराए जाने के उपलक्ष्य में 'संकल्प की सिद्धि' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही.
मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर से आए किसानों और किसान यूनियन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन देश की आबादी के सबसे बड़े राज्य के अन्नदाता किसानों के लिए महत्वपूर्ण है. जब डबल इंजन की सरकार पीएम के विजन को धरातल पर उतारने के लिए कृषक बिल माफी के इस कार्यक्रम को मूर्त रूप देने जा रही है. इसके लिए प्रदेश के सभी अन्नदाताओं का हृदय से अभिनंदन और बधाई. उन्होंने कहा कि आज यहां प्रदेश के वित्तमंत्री, कृषि मंत्री, ऊर्जा मंत्री, मुख्य सचिव, बिजली विभाग के अधिकारी, किसान यूनियन के नेता सभी मौजूद हैं. ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है.
सीएम योगी ने कहा कि यूपी देश का हृदयस्थल है, दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि और सबसे अच्छा जलसंसाधन हमारे पास है. यही नहीं हमारा अन्नदाता किसान भी परिश्रमी और पुरुषार्थी है. उसी की मेहनत और परिश्रम का परिणाम है कि आज खाद्यान उत्पादन में यूपी देश में नंबर वन है. ये सबकुछ पहले भी था, पहले भी हमारे पास क्षमता थी, मगर पिछली सरकारों में किसानों की उपेक्षा की गई. किसान कभी सरकार के एजेंडे का हिस्सा नहीं रहे. लेकिन, प्रदेश में डबल इंजन की सरकार आने के बाद जो कार्य प्रारंभ हुए आज उसके परिणाम हमारे सामने हैं. आज उसी को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए हम सब यहां उपस्थित हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में 14 लाख 78 हजार 591 किसानों के पास निजी नलकूप हैं. इसमें से 13 लाख 48 हजार 93 निजी नलकूप 10 हॉर्स पॉवर या उससे नीचे के हैं. 1 लाख 28 हजार 944 नलकूप ऐसे हैं जो 10 से 15 हॉर्स पावर क्षमता वाले हैं. इसी प्रकार 8 हजार 923 ऐसे नलकूप हैं जो 15 हॉर्स पॉवर से ऊपर की क्षमता के हैं. इन सभी को बिल माफी योजना के साथ जोड़ा जा रहा है. हम इसे 1 अप्रैल 2023 से ही लागू किया है. इसके लिए सरकार ने गत वर्ष 1500 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई है और इस बार 2400 करोड़ की व्यवस्था की गई है. हमने हमारे अन्नदाता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापति करते हुए, जो वादा किया था वो आज पूरा करके दिखाया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर किसानों से पीएम कुसुम योजना के साथ जुड़ने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत ट्यूबवेल पर सौलर पैनल लगाकर किसान बिजली पैदा कर सकेंगे. अपने उपयोग के बाद बची हुई बिजली सरकार को भी बेच सकेंगे. इससे न केवल किसानों को अतिरिक्त आमदनी होगी बल्कि उनके बिजली की आवश्यकता की भी पूर्ति होगी. इसमें कृषि विभाग और ऊर्जा विभाग की ओर से सब्सिडी दी जा रही है. हमारा प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश के 14 लाख 78 हजार किसानों को प्राथमिकता के साथ पीएम कुसुम योजना के साथ जोड़ सकें. इससे प्रदेश के तकरीबन 15 लाख किसान परिवारों के 65 लाख सदस्य सीधे सीधे लाभान्वित होंगे.
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा है कि अन्नदाता किसानों को किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता न हो. पीएम कुसुम योजना का उद्देश्य यही है कि अन्नदाता किसान आत्मनिर्भर बने और 2047 में जब भारत विकसित राष्ट्र बने तो हमारा किसान भी खुशहाल हो। जबतक हमारा अन्नदाता खुशहाल नहीं होगा, भारत खुशहाल नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार किसानों का हित सर्वोपरि रखने वाली सरकार है. 2017 में सरकार बनने के बाद हमने सबसे पहला काम 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का किया है. मुख्यमंत्री ने किसानों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दीं.
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