जैतून अंडे के आकार का फल होता है. भारत में जैतून की खेती व्यापारिक फसल के तौर पर की जाती है. इसकी प्रोसेसिंग करके तेल और दूसरे प्रॉडक्ट्स बनाए जाते हैं, जिसके चलते दुनिया भर में इसकी काफी मांग रहती है. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल बनाने में किया जाता है. आपको बता दें कि जैतून के तेल का इस्तेमाल खाना बनाने, ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और दवाइयां बनाने में किया जाता है. वहीं इसके तेल में कोलेस्ट्रॉल की काफी कम मात्रा होती है. इस कारण पूरी दुनिया जैतून के तेल की दीवानी है. साथ ही जैतून फल का इस्तेमाल स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी किया जाता है.
किसान इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी जैतून की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म, कोराटीना, कोरोनिकी, बरनिया और अर्बेक्विना का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से जैतून का बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन जैतून की उन्नत किस्म कोराटीना, कोरोनिकी, बरनिया और अर्बेक्विना का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
NSC Olive Saplings (of Koroneiki, Barnea, Coratina & Arbequina varieties) are available online @ONDC_Official.
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) July 23, 2023
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कोराटीना- जैतून की कोराटीना किस्म के प्रत्येक पौधे से किसान 10-15 किलोग्राम की पैदावार ले सकते हैं. इसमें तेल की मात्रा 22-24 प्रतिशत होती है. इस किस्म का फल देखने में बैंगनी और मध्यम आकार का होता है. यह किस्म अनियमित पैदावार देने के लिए जानी जाती है.
कोरोनिकी- जैतून की इस किस्म से काफी अच्छी पैदावार ली जा सकती है. इसके एक पौधे से करीब 20 से 25 किलो जैतून मिलता है. इसका फल मध्यम आकार और पकने के बाद बैंगनी रंग का होता है.
बरनिया- जैतून की इस किस्म में तेल की 26 फीसदी मात्रा होती है. वहीं इसके हर पौधे से 15-20 किलो की उपज होती है. देर से पकने वाली इस किस्म का फल आकार में मध्यम और गोलाकार होता है. पकने के बाद उसका फल बैंगनी रंग का हो जाता है.
अर्बेक्विना- इस किस्म का फल अधिक वजनदार और बड़े आकार का होता है जो पकने के बाद बैंगनी रंग का दिखाई देता है. वहीं इस किस्म के प्रति पौधे से सात से 10 किलो की पैदावार होती है. इसके फल में 10 से 17 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है.
अगर आप भी जैतून की उन्नत किस्म कोराटीना, कोरोनिकी, बरनिया और अर्बेक्विना की खेती करना चाहते हैं तो इन चारों खास किस्म के 2000 बीज फिलहाल 10 फीसदी की छूट के साथ 3,78,000 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से जैतून की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
NSC's best quality Ludhiana variety Tinda seeds are available online @ONDC_Official in 100gm. pack
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) July 4, 2023
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स्वाद से समझौता न कर पाने की आदत के चलते कई लोग टिंडा नहीं खाते हैं. जबकि टिंडे में सेहत की खान छिपी है. सेब के आकार की हल्के हरे रंग की ये सब्जी कई तरह से पकाई जाती है. टिंडे की वैसे तो बहुत सारी किस्में हैं, लेकिन लुधियाना किस्म के बीज काफी उपजाऊ माने जाते हैं. यह पंजाब की किस्म है जिसे गर्मी के दिनों में उगाया जाता है. इसके फल गोल मुलायम और हरे रंग के होते हैं. अगर आप भी टिंडे की लुधियाना किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 100 ग्राम का पैकेट राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
NSC करेला (NSC Queen) अब @ONDC_Official पर 50gm. के पैक में ऑनलाइन उपलब्ध है
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) June 15, 2023
अभी order करने के लिए https://t.co/o2hFaKCSls पर क्लिक करें और घर बैठे पायें उत्तम किस्म के NSC के बीज #NationalSeedsCorpLtd #FarmSona @nstomar @AgriGoI @KailashBaytu pic.twitter.com/stQkNrDOm2
करेले की खेती सब्जी के रूप में की जाती है. इसके पौधे बेल की तरह होते हैं जिस वजह से इसे बेल वाली फसल की श्रेणी में रखा जाता है. भारत में करेले की सब्जी को लगभग सभी जगहों पर उगाया जाता है. करेले की क्वीन किस्म की खेती उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में फरवरी से जून माह तक की जाती है. वहीं इस किस्म के फल मोटे और गहरे चमकीले हरे रंग के होते हैं. अगर बात करें इसके उत्पादन की तो इस किस्म से प्रति एकड़ 60 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है. ये किस्म 50 से 60 दिनों में फल देने लगता है. अगर आप भी करेले की क्वीन किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 50 ग्राम का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ 151 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
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