पोल्ट्री फार्म के चलते पूरे गांव ने मतदान का किया बहिष्कार, समझाते रह गए अधिकारी नहीं माने गांव वाले

पोल्ट्री फार्म के चलते पूरे गांव ने मतदान का किया बहिष्कार, समझाते रह गए अधिकारी नहीं माने गांव वाले

अधिकारियों ने कहा कि वे ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. इसी तरह कानपुर की बिल्हौर तहसील के कई गांवों में स्थानीय लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया. बाकरगंज व मेडुआ गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. ग्रामीण कई वर्षों से गांव की सड़क की मांग कर रहे हैं.

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पोल्ट्री फार्म के चलते पूरे गांव ने मतदान का किया बहिष्कार, समझाते रह गए अधिकारी नहीं माने गांव वालेगांव वालों ने मतदान का किया बहिष्कार. (सांकेतिक फोटो)

उन्नाव के हसनगंज तहसील के रुदवारा गांव के निवासियों ने सोमवार को मतदान का बहिष्कार किया. खास बात यह है कि गांव में एक पोल्ट्री फार्म होने की वजह से गांव वाले नाराज हैं. रुदवारा गांव के निवासियों का कहना है कि पोल्ट्री फार्म की वजह से गांव में मक्खियों का संक्रमण बढ़ गया है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. बच्चे और बुजुर्ग आए दिन बीमार पड़ रहे हैं. ऐसे में गांव से पोल्ट्री फार्म नहीं हटाना आवश्यक हो गया है. जब तक सरकार पोल्ट्री फार्म को बंद नहीं कराती है, तब तक गांव वाले वोट नहीं डालेंगे.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने हसनगंज तहसील के रुदवारा गांव के लोगों की नाराजगी की जानकारी दी. वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. पुलिस सूत्रों ने आगे बताया कि सोहरामऊ क्षेत्र के रुदवारा गांव के पास एक पोल्ट्री फार्म बनाया गया है. सोहरामऊ थाना प्रभारी कमल दुबे ने बताया कि खेतों में फैली गंदगी के कारण गांव में मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है. रुदवारा गांव के लोग लंबे समय से पोल्ट्री फार्म को बंद करने की मांग जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कर रहे थे, लेकिन उनकी गुहार बेकार गई. इसी बात को लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया.

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पोल्ट्री फार्म के गेट पर प्रदर्शन किया

पिछले दिनों ग्रामीणों ने पोल्ट्री फार्म के गेट पर प्रदर्शन किया था और रैली भी निकाली थी और बहिष्कार का आह्वान किया था. कानपुर देहात के सिकंदरा विधानसभा के पीतांबरपुर ग्रामीणों ने सोमवार को मतदान का बहिष्कार किया. सुबह नौ बजे तक जब एक भी वोट नहीं पड़ा तो पीठासीन अधिकारी ने इसकी सूचना तहसील अधिकारियों को दी. तहसीलदार संतोष कुमार सिंह,  थानेदार महेश कुमार और ब्लॉक अधिकारियों के साथ गांव पहुंचे और लोगों से मतदान करने की अपील की. हालांकि, उनके प्रयास व्यर्थ गए. ग्रामीणों के एक समूह का आरोप है कि यह गांव वर्ष 2019 तक पैलावर ग्राम पंचायत से जुड़ा हुआ था.

बदनपुर डेरा गांव के 1119 मतदाता हैं

बाद में पैलावर को राजपुर नगर पंचायत में जोड़ दिया गया, जबकि पीतांबरपुर को छोड़ दिया गया. ऐसे में यह गांव न तो ग्राम पंचायत का हिस्सा बना और न ही नगर पंचायत का. पीठासीन अधिकारी अखिल त्रिपाठी ने बताया कि गांव के प्राथमिक विद्यालय के एक बूथ पर पीतांबरपुर और बदनपुर डेरा गांव के 1119 मतदाता हैं. 10 बजे तक एक भी मतदाता ने वोट नहीं डाला था.

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सड़क नहीं बनेगी तो हम वोट नहीं देंगे

अधिकारियों ने कहा कि वे ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. इसी तरह कानपुर की बिल्हौर तहसील के कई गांवों में स्थानीय लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया. बाकरगंज व मेडुआ गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. ग्रामीण कई वर्षों से गांव की सड़क की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सड़क नहीं बनेगी हम वोट नहीं देंगे.

 

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