रसोई में मुख्य सब्जी के रूप में इस्तेमाल होने वाली आलू की कीमत में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. आलू की कीमत में 5 से 10 फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है. जबकि, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में असमय बारिश से आलू की फसल को पहुंचे नुकसान के चलते कीमतों में बढ़ोत्तरी बनी रहने की आशंका जताई गई है. वहीं, गर्मियों में आलू की मांग अधिक हो गई है, जबकि आपूर्ति की कमी देखी जा रही है.
आलू व्यापारियों ने कहा कि आलू की कीमतें 5 से 10 फीसदी तक बढ़ जाएंगी, क्योंकि असमय बारिश ने फसल को प्रभावित किया है और कुछ कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने आलू की नई फसल आने से पहले स्टॉक को रोकना शुरू कर दिया है. बीते सप्ताह आलू की कीमत 30 दिनों में 12 प्रतिशत बढ़ना दर्ज किया गया था. जबकि एक वर्ष की तुलना में लगभग 37 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया कि इस साल पूरे देश में आलू की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. लेकिन, कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक कम हो रहा है. इसकी वजह आलू अधिक खपत है. गर्मियों में हीटवेव के कारण अन्य सब्जियां जल्द खराब हो रही हैं. ऐसे में आलू टिकाउ होने के चलते भी लोग ज्यादा इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इन स्थितियों ने मांग बढ़ा दी है, जबकि आपूर्ति कम है. ऐसे में कीमतों में उछाल आगे भी जारी रहने का अनुमान है.
रबी सीजन में आलू के रकबे में गिरावट दर्ज की गई थी. इसके बाद पश्चिम बंगाल में आलू की फसल को असमय बारिश से भारी नुकसान हुआ है. जबकि, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी आलू को बेमौसम बारिश से झटका लगा. इससे आलू की कीमतों पर दबाव बना हुआ है. मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स रिसर्च फर्म क्रिसिल की हालिया रिपोर्ट में घर पर पकाए गए शाकाहारी भोजन की थाली की कीमत में अप्रैल में 8 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. इसकी वजह आलू की महंगाई और प्याज टमाटर की ऊंची कीमते रही हैं.
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