बिहार सरकार ने हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों की सेवा की समाप्‍त, भूमि सर्वे प्रोजेक्ट को लगेगा झटका!

बिहार सरकार ने हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों की सेवा की समाप्‍त, भूमि सर्वे प्रोजेक्ट को लगेगा झटका!

पटना के गर्दनी बाग धरना स्थल पर हड़ताल पर बैठे विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. विभाग ने 3 सितंबर तक काम पर लौटने का निर्देश दिया था, लेकिन तय समय तक केवल 3295 कर्मी ही लौटे. अब विभाग नए सिरे से बहाली करेगा.

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बिहार सरकार ने हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों की सेवा की समाप्‍त, भूमि सर्वे प्रोजेक्ट को लगेगा झटका!हड़ताली संविदा कर्म‍ियों की सेवा समाप्‍त

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक भूमि सर्वेक्षण कार्य पर अब कहीं न कहीं संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. क्योंकि, बीते 16 अगस्त से पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर हड़ताल पर बैठे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों के खिलाफ विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है. विभाग के अधीन भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि  3 सितंबर तक काम पर वापस नहीं लौटने वाले सभी संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है.

3295 संविदा कर्मी ड्यूटी पर लौटे

विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 3295 संविदा कर्मी ड्यूटी पर वापस लौट आए हैं और अब नियमित रूप से कार्य कर रहे हैं. इसके साथ ही विभाग इस महीने के अंत तक नए सिरे से बहाली प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है. गौरतलब है कि बिहार में 16 अगस्त से भूमि से जुड़ी त्रुटियों को सही कराने के लिए राजस्व महाअभियान की भी शुरुआत की गई है.

लेकिन, जिनके ऊपर भूमि सर्वे से लेकर राजस्व महाअभियान को पूर्ण करने की जिम्मेदारी थी. वे हड़ताल पर बैठ गए हैं. वहीं, बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गया जिले के बेलागंज स्थित पड़ाव मैदान में आयोजित कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान हड़ताल पर गए संविदा कर्मी बैनर-पोस्टर दिखाते नजर आए, जहां वे अपनी पांच सूत्रीय मांगें मुख्यमंत्री से कर रहे थे. हालांकि, पुलिस द्वारा  मौके पर उनके बैनर-पोस्टर हटाते नजर आए.

विभाग ने दो बार लौटने की तारीख दी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने के लिए विभाग ने दो बार तारीख जारी की थी. पहले 30 अगस्त तक वापस आने को कहा गया, इसके बाद दूसरी तारीख 3 सितंबर शाम 5 बजे तक तय की गई. वहीं, तय समयसीमा के बाद भी कर्मियों ने काम शुरू नहीं किया, तो विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया. हालांकि विभाग के अनुसार 1 सितंबर तक 4000 संविदा कर्मी लौट आए थे, वहीं ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि अब तक 3295 कर्मी ही ड्यूटी पर लौटे हैं.

नए सिरे से होगी बहाली

सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने के बाद विभाग ने घोषणा की है कि सभी रिक्त पदों पर नए सिरे से नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए विज्ञापन इसी माह के अंत तक प्रकाशित किया जाएगा. वहीं,चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है, इसलिए उससे पहले सभी औपचारिकताएँ पूरी करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं.

अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्यों के लिए राज्य में विभिन्न पदों पर करीब 13 हजार  संविदा कर्मियों की नियुक्ति हुई थी. यदि इनकी सेवा समाप्त हो जाती है, तो इसे विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जाएगा. एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार नियुक्तियों पर जोर दे रहे हैं, वहीं चुनावी साल के अंतिम समय में विभाग का यह कदम बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता दिख रहा है.

विभाग का कहना है कि विशेष सर्वेक्षण कार्य राज्यहित से जुड़ा अभियान है, और इसके बाधित होने से जनता को सीधी परेशानी होती है. इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि सरकार और विभाग हड़ताल व धरना-प्रदर्शन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने के पक्ष में नहीं हैं.

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