दिल्ली सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि किसानों को पर्याप्त मुआवज़ा सुनिश्चित करने के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के प्रयासों से भूमि अधिग्रहण में तेजी आएगी. साथ ही राजस्थान-दिल्ली ट्रांसमिशन सिस्टम का काम समय पर पूरा होगा. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने बयान में कहा गया कि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) राजस्थान से दिल्ली तक बिजली आपूर्ति के लिए एक अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है.
बयान में कहा गया है कि यह ट्रांसमिशन लाइन उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के लगभग 20 गांवों से होकर गुजरेगी, जिनमें औचंदी, हरेवली, मुंगेशपुर और कुतुबगढ़ शामिल हैं. इससे राष्ट्रीय राजधानी में बिजली आपूर्ति में और तेजी आएगी. इस परियोजना के तहत, ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने के अलावा, नरेला में एक सब-स्टेशन भी स्थापित किया जाना है. इससे पहले, भूमि मूल्यांकन और मुआवज़े की दरों पर कई दौर की बातचीत के बावजूद आम सहमति नहीं बन पाई थी, जिससे परियोजना में देरी का ख़तरा था. बयान में कहा गया है कि ख़ास बात यह है कि मुआवज़ा मिलने के बाद भी किसानों का अपनी जमीन पर मालिकाना हक बना रहेगा.
इस गतिरोध को तोड़ने के लिए, मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें पीजीसीआईएल और दिल्ली सरकार के राजस्व एवं बिजली विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस बात पर जोर दिया कि किसी भी परियोजना की सफलता तभी संभव है जब स्थानीय समुदाय का विश्वास और निष्पक्ष भागीदारी हो. सीएम ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी जमीन के उपयोग के लिए उचित मुआवज़ा मिले.
सीएमओ ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किसान-हितैषी दृष्टिकोण अपनाते हुए हस्तक्षेप करने के बाद, "कई गांवों में भूमि मूल्यांकन और उचित मुआवज़े पर सहमति बन चुकी है, और अन्य गांव भी समझौते की ओर बढ़ रहे हैं." मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने "निरंतर प्रयासों और निर्णायक पहल" से, दिल्ली की बिजली आपूर्ति को और अधिक विश्वसनीय और मजबूत बनाने की दिशा में अग्रसर किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार का यह निर्णय न केवल किसानों को उनके वाजिब अधिकारों के अनुरूप न्याय प्रदान करता है, बल्कि परियोजना की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त करता है.
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि इस परिणाम से दिल्ली को अपनी बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों को स्थिर और विश्वसनीय तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय से चला आ रहा यह गतिरोध इसलिए सुलझ गया है क्योंकि उनकी सरकार न केवल राजधानी के विकास को लेकर गंभीर है, बल्कि किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवेदनशील दृष्टिकोण भी प्रदर्शित करती है.
(सोर्स- PTI)
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