विश्वास का दूसरा नाम है बैंक. बैंक के विश्वास पर लोग अपनी जीवन भर की कमाई अपने खाते में जमा कर आराम की नींद सो जाते हैं. कारण है उनका बैंक पर विश्वास. लेकिन जब यही विश्वास बैंक अधिकारियों की घोटालेबाजी के चलते टूटने लगे तो फिर पूरा का पूरा बैंकिंग सिस्टम ही सवालों के घेरे में आ जाता है.
ऐसी ही एक बेहद गंभीर घटना हुई है रामपुर में जहां बैंक ऑफ बड़ौदा में किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये लोन सैंक्शन कर बैंक अधिकारियों ने आपस में साठगांठ कर हड़प लिए. किसानों को जब लोन वसूली के नोटिस पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन निकल गई. बैंक में पूछताछ की तो किसी ने विश्वसनीय जवाब नहीं दिया आखिर किसानों ने पुलिस से गुहार लगाई और चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है जबकि दर्जनों लोग इस धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं.
बड़ी बात यह है की रामपुर जिले में लीड बैंक की जिम्मेवारी भी बैंक ऑफ़ बड़ौदा के पास ही है जिसका काम जिले भर के बैंकों की कामकाज पर नजर रखना होता है. लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा की ही ब्रांच में एक बड़ा घोटाला हुआ और अधिकारी मूकदर्शक बने रहे.
बैंक का अधिकारियों के उदासीनता से ना उम्मीद होकर किसानों ने पुलिस में गुहार लगाई है. दूसरी ओर पुलिस भी बैंक अधिकारियों पर सीधे हाथ डालने से कतरा रही है. पुलिस को इंतजार है उन सबूतों का जो उसको पीड़ित किसान नहीं बल्कि बैंक अधिकारी ही दे सकते हैं.
एक पीड़ित किसान ने इस विषय पर बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा मसवासी में रोहित धय्या नाम के मैनेजर रहे हैं. उन्होंने सिर्फ मेरे साथ ही नहीं कम से कम 20 से 22 लोगों के साथ कई करोड़ का मामला है. रहमतगंज ब्रांच का और मसवासी ब्रांच का लोगों के पास चेक है और चेक से पेमेंट निकाल लिए गए हैं. लोगों के पास खाली ब्लैंक चेक है और इसी तरह से लोगों के लोन कर दिए हैं और लोगों के खातों से पैसे निकाल लिए हैं. बहुत बड़ा तगड़ा फ्रॉड करके चले गए हैं.
यह पूछे जाने पर कि किस योजना के अंतर्गत लोगों को लोन दिया है. इस पर पीड़ित ने बताया कि किसी योजना के तहत नहीं, सिर्फ आधार कार्ड और पैन कार्ड लिया. फिर किसी के खाते से लोन उठा लिया. किसी का 35 लाख का, या 19 लाख का, या 20 लाख या, 25 लाख का लोन है. इस तरह का बहुत से लोगों का लोन है. इसमें लगभग 20 से 22 लोग हैं. इन सबके नाम पर लोन निकला हुआ है. बाकी बाहरी लोगों से भी पैसा उठाया हुआ है. अभी इनका कोई पता नहीं है. अगस्त में इनको सस्पेंड कर दिया गया था, बाकी अब जांच चल रही है.
यह पूछे जाने पर कि जिन लोगों के नाम से लोन लिया है, क्या उनके पास नोटिस भी आ रहे हैं? इस पर पीड़ित ने बताया, बैंक से नोटिस आ रहे हैं. हमने एफआईआर की हुई है और एफआईआर वालों को भी बैंक की ओर से नोटिस भेजा गया है. तकरीबन 5 एफआईआर यूपी से हो चुकी है. बाकी कुछ उत्तराखंड से भी हैं. इससे पहले ये लोग रामनगर में भी यह सब करके आए हैं.
रामपुर के पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र ने बताया, थाना क्षेत्र स्वार में कुछ व्यक्तियों द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था कि एक बैंक के अधिकारी के द्वारा लोन दिलाने के नाम पर दस्तावेज तैयार करके उनके नाम से लोन लिया गया है. इस संबंध में थाना स्वार पर कुल चार अभियोग पंजीकृत हुए हैं. इसमें करीब धनराशि एक करोड़ की है और इन अभियोगों की विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर पुलिस स्टेशन के द्वारा की जा रही है. संकलित साक्ष्य के आधार पर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी. अभी इसमें कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है साक्षी संकलन के उपरांत ही कार्रवाई की जाएगी.(आमिर खान की रिपोर्ट)
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