देश में खरीफ सीजन के लिए धान की रोपाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. धान की फसल तैयार होने के बाद फिर नवंबर दिसंबर महीने से इसकी खरीद शुरू हो जाएगी. किसान धान खरीद केंद्रों में जाएंगे और एमएसपी पर धान की बिक्री करेंगे. पूरे देश में धान खरीद को लेकर यही प्रक्रिया अपनाई जाती है. हालांकि धान खरीद की इस प्रक्रिया में किसान कई बातों को लेकर अक्सर शिकायत करते हैं. क्योंकि किसानों को इसमें परेशानी होती है. धान खरीद को लेकर किसानों की जो सबसे बड़ी शिकायत आती है वह धान खरीद की राशि के भुगतान को लेकर लाती है.
किसान शिकायत करते हैं कि उन्हें धान की बिक्री करने के बाद उन्हें सही समय पर पैसों का भुगतान नहीं किया जाता है. फिर पैसे लेने में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सही समय पर पैसे नहीं मिल पाने के कारण किसानों की खेती का काम प्रभावित होता है. किसानों की इस शिकायत को दूर करने के लिए और उनके इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आंध्र प्रदेश के नागरिक आपूर्ति मंत्री नादेंदला मनोहर ने धान किसानों को आश्वासन दिया कि धान खरीद को लेकर किसानों से मिल रही शिकायतों को दूर करने के लिए राज्य सरकार आगामी खरीफ सीजन में कदम उठाने जा रही है.
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नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि किसानों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य में अब धान बेचने वाले किसानों को 48 घंटे के भीतर धान की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा. राज्य सरकार इसके लिए इस तरह के भुगतान करने की व्यवस्था कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ तिरपाल की आपूर्ति की जाएगी, ताकि बारिश होने पर किसान अपनी फसल को ढंक कर उसे सुरक्षित रख सके. इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि किसानों को फसल बीमा का भुगतान सरकार समय पर करेगी. बता दें की खाद्य आपूर्ति मंत्री ने एलुरु और कोनसीमा जिलों का दौरा किया और किसानों का बकाया भी चुकाया.
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दक्कन क्रोनिकल की एक रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने कहा राज्य की पिछली वाईएसआरसी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने 84,724 किसानों को उनकी उपज के लिए 1674.47 करोड़ रुपये का बकाया नहीं दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने राशि का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने नागरिक आपूर्ति विभाग के नाम पर बैंकों से 40,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था लेकिन धान किसानों का बकाया नहीं चुकाया था. इसके कारण धान किसान परेशानी में आ गए थे.मनोहर ने कहा कि मार्च 2025 तक बैंकों को 10,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को बिचौलियों, व्यापारियों और मिल मालिकों से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि वर्तमान सरकार किसानों की मदद करने एक बेहतर प्रक्रिया अपनाएगी.
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