Farmers Protest: अमृतसर के सरहदी गांवों में उस पार खेती ठप, किसानों ने पूछा-BSF कब खोलेगी तीनों गेट

Farmers Protest: अमृतसर के सरहदी गांवों में उस पार खेती ठप, किसानों ने पूछा-BSF कब खोलेगी तीनों गेट

Farmers Protest: पंजाब के अमृतसर में किसान परेशान हैं क्योंकि सरहद के गांवों में बाड़ के उस पार खेती करने में परेशानी आ रही है. किसानों ने बीएसएफ से मांग की है कि सभी गेट खोले जाएं ताकि वे उस पार जाकर धान की खेती की तैयारी कर सकें.

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Farmers Protest: अमृतसर के सरहदी गांवों में उस पार खेती ठप, किसानों ने पूछा-BSF कब खोलेगी तीनों गेटबाड़ उस पार गेट बंद होने से किसान परेशान

अमृतसर में सरहदी इलाकों के किसान परेशान हैं. किसानों की परेशानी इसलिए बढ़ी है क्योंकि बाड़ के उस पार उन्हें खेती करने और जाने की इजाजत पूरी तरह से नहीं मिली है. हालांकि किसानों का आना-जाना शुरू हो गया है, मगर अभी यह आंशिक तौर पर ही है जिसकी वजह से किसान परेशान हैं. ये सभी किसान सीमा सुरक्षा बल यानी BSF की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण नाराज हैं. 

किसानों ने 'आजतक' से कहा कि बीएसएफ अधिकारियों ने सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक का समय दिया था, लेकिन गेट सुबह दस बजे के करीब खोले गए. किसानों ने बताया कि गेट देरी से खुलने के कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. महावा गांव के कई किसान कहते हैं कि हमारे गांव में तीन दरवाजे हैं, जिसमें से केवल एक गेट संख्या 109 ही खोला गया है. अन्य दो बंद हैं.

सरहद पर तीनों गेट खोलने की मांग

किसानों ने कहा कि अगर ये तीनों गेट खुल जाएं तो हमें खेती में कोई दिक्कत नहीं आएगी. महावा गांव के किसानों ने बताया कि 147 एकड़ जमीन हमारे गांव की सीमा से बाहर है, जिस पर खेती करने में हमें काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि धान का सीजन आ रहा है और इसके कारण हमारे लिए मजदूरी बहुत महंगी हो रही है और बिजली की लागत भी बढ़ रही है.

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किसानों ने कहा कि सीमावर्ती गांवों के किसानों ने इस संबंध में मंगलवार को अमरकोट गांव में धरना भी दिया है और बीएसएफ अधिकारियों से मांग की है कि उन्हें सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पूरा समय दिया जाए. महावा गांव और उसके आसपास के किसानों ने शिकायत की है कि बीएसएफ अधिकारी उन्हें खेती के लिए सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक बाड़ को पार करने की अनुमति देते हैं, लेकिन वास्तव में गेट सुबह 10 बजे के आसपास ही खोले जाते हैं, जिसके कारण उन्हें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

महावा गांव में 147 एकड़ जमीन तारबंदी के पार

गांव महावा के किसानों ने बताया कि गांव की करीब 147 एकड़ जमीन तारबंदी के पार स्थित है. उन्होंने कहा कि धान का सीजन नजदीक आ रहा है और इस दौरान कृषि की तैयारियां मजदूरों और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता पर निर्भर करती है. मजदूरी महंगी होने के अलावा, जब तक समय पर गेट नहीं खोले जाते, खेती की गति प्रभावित होती है. किसानों ने बीएसएफ अधिकारियों से मांग की कि उन्हें सीमा पार करने के लिए सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक का पूरा समय दिया जाए, ताकि वे अपना कृषि कार्य समय पर पूरा कर सकें.

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कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और ड्रोन अटैक को देखते हुए बॉर्डर पर बाड़ के गेट को बंद कर दिया गया था. महाला गांव में तीन गेट हैं जिनके नंबर 107, 108 और 109 हैं. ये तीनों गेट सामान्य दिनों में खुले रहते थे, लेकिन तनाव के बाद इसे बंद कर दिया गया था. जब दोनों देशों में सीजफायर का ऐलान हुआ तो बीएसएफ ने महावा गांव में एक गेट खोल दिया. इस गेट के पार जाकर किसान तूड़ी उठाने का काम कर रहे हैं. हालांकि किसानों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि तीनों गेट खुलने चाहिए तभी धान की खेती समय पर सही ढंग से की जा सकेगी.(अमित शर्मा की रिपोर्ट)

 

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