ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भीषण चक्रवात दाना (Dana cyclone) के आने की आशंका के बीच दोनों राज्यों की सरकारों ने लोगों को निकालना शुरू कर दिया है. वहीं, संवेदनशील इलाकों में स्कूल- कॉलेजों को भी बंद करने का फैसला किया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, पूर्वी तट को पार करने वाली चक्रवात से ओडिशा की आधी आबादी के प्रभावित होने की संभावना है, इसलिए राज्य सरकार ने 14 जिलों के 3,000 गांवों से लगभग 10 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने की योजना बनाई है. भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि वह हाई अलर्ट पर है और उसने अपने जहाजों और विमानों को चक्रवात के कारण किसी भी इमरजेंसी स्थिति से तुरंत निपटने के लिए तैयार कर लिया गया है.
आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव मंगलवार शाम को गहरे दबाव में बदल गया है और 25 अक्टूबर की सुबह 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति के साथ एक गंभीर चक्रवाती तूफान बनकर ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर सकता है. ऐसे में दोनों पड़ोसी राज्यों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि ओडिशा के पुरी से लेकर पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप तक का पूरा पूर्वी तट चक्रवात दाना से प्रभावित होने की आशंका है. ऐसे में ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने सभी विधायकों से बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है.
साथ ही गरीब लोगों को रखने के लिए कैंप, शेल्टर होम और बाढ़ आश्रय और अन्य इमारतों की पहचान की गई है. इसको लेकर राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि ऐसे आश्रयों में निकाले जाने वाले लोगों के लिए भोजन, पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रावधान की व्यवस्था की गई है.
आईएमडी के पूर्वानुमान के आधार पर, ओडिशा सरकार ने अंगुल, पुरी, नयागढ़, खोरधा, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, क्योंझर, ढेंकनाल, गंजम और मयूरभंज जैसे 14 जिलों को अलर्ट पर रखा है. ऐसे में राज्य सरकार ने एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और दमकल सेवाओं की तैनाती के लिए एक कार्य योजना तैयार की है.
एक अधिकारी ने कहा कि ओडीआरएएफ टीम और 178 अग्निशमन सेवा टीमों को अब तक संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है, जबकि 20 एनडीआरएफ टीमों को (19 तैनात, 1 रिजर्व) तैनात किया गया है. तेज हवा और बहुत भारी बारिश के आईएमडी के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए, राज्य ने तीन प्रमुख बंदरगाहों, गोपालपुर, पारादीप और धामरा में रिमोट वॉर्निंग (डीसी-I) सिस्टम लगाए गए हैं. साथ ही चक्रवात के मद्देनजर ओडिशा के 14 जिलों में 23 से 25 अक्टूबर तक स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार है. एहतियात के तौर पर 23 से 26 अक्टूबर तक सात जिलों में स्कूल बंद रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि स्कूल और कॉलेज को लोगों के लिए आश्रय स्थल के रूप में उपयोग किए जाएं.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को पहले ही संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि स्थिति की निगरानी के लिए राज्य और जिला दोनों स्तरों पर कंट्रोल सेंटर लगाए गए हैं, जो 24/7 काम कर रहे हैं. सीएम बनर्जी ने कहा कि तटीय जिलों के प्रशासन को इन जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को शिफ्ट करने के लिए कहा गया है.
तूफान का सबसे अधिक प्रभाव दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के साथ-साथ तटीय क्षेत्र और पड़ोसी जिले जैसे पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुरा, झारग्राम और हुगली में पड़ने की संभावना है. भारतीय तटरक्षक बल ने एक बयान में कहा कि वह हाई अलर्ट पर है, उसके कर्मचारी बचाव और राहत पहुंचाने के लिए तैयार हैं.
तट रक्षक बल ने मौसम चेतावनी और सुरक्षा की जानकारी देने के लिए पश्चिम बंगाल के हल्दिया और ओडिशा के पारादीप में हेलीकॉप्टर और रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन तैनात किए हैं. मछुआरों और नाविकों को सलाह को भी सलाह दिया गया है कि वो 23 से 25 अक्टूबर तक समुद्र में न जाएं. आईएमडी ने चेतावनी दी है कि ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों पर हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) तक पहुंचने की संभावना है और उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ेगी.
सरकार ने उन गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की है, जिनके एक पखवाड़े में प्रसव होने की उम्मीद है. आपदा के दौरान किसी भी कठिनाई से बचने के लिए उन सभी महिलाओं को पास के अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. उन्होंने कहा, अभी तक, बच्चों को पानी, भोजन और दूध और घायल लोगों के लिए दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ 5,000 से अधिक राहत केंद्र बनाए गए हैं. हमें लगभग 10 लाख लोगों को निकाले जाने की उम्मीद है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में आने वाले संभावित चक्रवाती तूफान से पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. (PTI)
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