ओडिशा में आलू की खेती को बढ़ावा दिए जाने के कार्यक्रम के तहत आलू की खेती के लिए प्रस्तावित क्षेत्र विस्तार के कार्यक्रम को झटका लगा है क्योंकि फिलहाल इस पायलट परियोजना पर रोक लगा दी गई है. इस मामले को लेकर बागवानी निदेशालय ने ओडिशा कोल्ड स्टोरेज मिशन को यह सूचित किया है कि जिस एजेंसी को इस योजना के संचालन के लिए उसके इस कार्यक्रम को चलाने के लिए फंड और अन्य सामग्रियों का इंतजाम करना आसान नहीं होगा क्योंकि रबी आलू की खेती राज्य में पहले ही शुरू हो चुकी है. योजना के तहत उन इलाकों में आलू की खेती के क्षेत्र का विस्तार करना था जिन इलाकों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा हैं और वो कार्य कर रहे हैं.
दरअसल 27 अक्टूबर को आयोजित एक बैठक में ओडिशा कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन और कृषि विभाग की एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में कृषि विभाग ने इर सबी सीजन के दौरान बालासोर और जाजपुर जिलों के एक एक प्रखंडों में जहां आलू की खेती के लिए क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत प्रस्ताव मांगा था. यह उन प्रखंडों के लिए था जहां पर कोल्ड स्टोरेज कार्य कर रहे हैं. कृषि विभाग को दिए गए अपने प्रस्ताव में, एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से पांच साल की अवधि में आलू के क्षेत्र का विस्तार करने का सुझाव दिया, जिसमें पहले वर्ष में कटक जिले के छह ब्लॉकों में 400 हेक्टेयर को शामिल किया गया. जहां पांच वर्षों के लिए कार्यक्रम की कुल लागत 24.94 करोड़ रुपये थी, वहीं पहले वर्ष के लिए अनुमानित लागत 51.54 लाख रुपये थी.
ये भी पढ़ेः Chhath Puja: छठ में हाजीपुर के चिनिया केले की बढ़ी मांग, सप्लाई घटने से आंध्र से मंगाई जा रही खेप
ओसीएसए के अध्यक्ष जनार्दन साहू ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए और आधार वर्ष 2023-24 से शुरू करके पांच साल की अवधि में क्षेत्र को 400 हेक्टेयर से बढ़ाकर 18,000 हेक्टेयर किया जाए. साथ ही दूसरा सुझाव यह था कि एसोसिएशन इनपुट सामग्री की आपूर्ति के लिए नोडल एजेंसी होगी और कार्यक्रम के तहत सभी सब्सिडी इसके माध्यम से दी जानी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः बनावटी फूलों ने खराब कर दिया असली फूलों का बाजार, परेशान हैं हरियाणा के किसान
जनार्दन साहू ने कहा कि कार्यक्रम के लिए लगभग 52 लाख रुपये की व्यवस्था करना कृषि विभाग के लिए कोई कठिन काम नहीं है. उन्होंने कहा कि विभाग के पास आलू के क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम योजना के लिए पर्याप्त धन है. फिर उन्होंने कहा कि शायद विभाग एसोसिएशन को इनपुट सामग्री की आपूर्ति की आजादी देने को तैयार नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने प्रमाणित आलू बीज की कीमत 31.41 रुपये प्रति किलोग्राम तय की है, जबकि पंजाब और अन्य राज्यों से उच्च गुणवत्ता वाले बीज खुले बाजारों में 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today