केंद्र सरकार द्वारा प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी लगाने के खिलाफ महाराष्ट्र की प्याज मंडियां आज बुधवार को तीसरे दिन भी बंद हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों से नेफेड और एनसीसीएफ के जरिए दो लाख टन प्याज और खरीदवाने की घोषणा करके नाराज किसानों को मनाने की कोशिश की है. लेकिन व्यापारियों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने नासिक में आज व्यापारियों और किसानों की बैठक बुलाई हुई है. देखना ये है कि उनकी बातों को किसान और व्यापारी मानते हैं या नहीं. नासिक के व्यापारी मनोज जैन ने बताया कि अभी हड़ताल खत्म नहीं हुई है. अगर कोई किसान अज्ञानता में मंडी में प्याज लेकर आ गया था तो उसे हमने वापस नहीं किया. उसके प्याज की नीलामी की है. ताकि उस किसान को दिक्कत न हो. उसे वापस माल लेकर घर न जाना पड़े.
केंद्र सरकार की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में हाहाकार मचा हुआ है क्योंकि यहां पर प्याज की सबसे ज्यादा खेती होती है. यहां देश का करीब 43 फीसदी प्याज होता है. लाखों किसान परिवार इसकी खेती से जुड़े हुए हैं. यहीं पर प्याज की सबसे बड़ी मंडियां भी स्थित हैं. किसानों और व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग इस मांग पर अड़ा हुआ है कि सरकार को प्याज के निर्यात पर लगाया गया 40 प्रतिशत शुल्क वाला फैसला वापस लेना चाहिए. अन्यथा व्यापारी और किसान विरोध स्वरूप अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे. प्याज की नीलामी बंद रखेंगे. उधर, नासिक के पिंपल गांव के एक किसान हरि गायकवाड़ ने कहा कि हम सरकार को प्याज बेचने के लिए यहां आए हैं क्योंकि हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. लेकिन सरकार को किसानों का शोषण बंद करना चाहिए.
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने को एक बड़ा खतरा बताया है. उन्होंने सरकार द्वारा दो लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदने के फैसले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. कहा कि जब तक निर्यात शुल्क वापस नहीं लिया जाता तब तक सरकार के प्याज खरीद के फैसले से किसानों को ज्यादा मदद नहीं मिलेगी. हालांकि बीजेपी के साथ सरकार चला रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्र के फैसले के सुर में सुर मिला दिया. उन्होंने सरकार के फैसले का स्वागत किया और किसानों से आंदोलन खत्म करने का आह्वान भी दिया.
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मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा था कि तीन लाख टन प्याज बफर स्टॉक के लिए पहले ही खरीदा जा चुका है. जबकि दो लाख टन और खरीदा जाएगा जिसका दाम 2,410 रुपये प्रति क्विंटल होगा. लेकिन अब तक इस निर्णय से किसानों और व्यापारियों की ओर से कोई सकारात्मक रिएक्शन नहीं आया है. इसलिए आज नासिक में केंद्रीय राज्य मंत्री भारती पवार को बैठक करनी पड़ रही है. ताकि नाराज व्यापारियों और किसानों को मनाया जा सके. नासिक प्याज का गढ़ है. यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा उत्पादन होता है बल्कि प्याज का एक्सपोर्ट भी यहीं से सबसे अधिक होता है. इसलिए ट्रेडर भी किसानों के साथ हैं.
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