देश में आजकल गेहूं की खरीदारी जोर-शोर से चल रही है. वहीं, मंडियों में भी आजकल गेहूं की आवक काफी बढ़ गई है. ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की खरीद, जो उत्तरी क्षेत्रों में देरी से कटाई के कारण हुई, 25 अप्रैल तक 29.5 प्रतिशत बढ़कर 18.38 मिलियन टन हो गई, जो कि पिछले वर्ष 14.19 मिलियन टन थी. वहीं, पूरे सीजन के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 34.15 मिलियन टन निर्धारित किया गया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, करीब 19 लाख किसान इससे लाभान्वित हुए हैं. इसके अलावा 1 अप्रैल से शुरू हुए खरीद सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लगभग 8.22 लाख किसानों को लाभ प्रदान करने में हरियाणा सभी राज्यों में टॉप पर है. हालांकि, पंजाब और हरियाणा में, प्रत्येक में 5 लाख किसानों ने अपनी फसल सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी दर पर बेची है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में मंडी गेहूं की कीमतें 1,800 रुपये प्रति क्विंटल और राजस्थान में 1,850 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में, न्यूनतम मूल्य ₹2,110/क्विंटल पर है. दूसरी ओर, एमपी में अधिकतम मंडी मूल्य कथित तौर पर ₹2,665/क्विंटल, राजस्थान में ₹2,560/क्विंटल और यूपी में ₹2,250/क्विंटल है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब ने 25 अप्रैल तक पिछले साल 7.84 मिलियन टन खरीदारी की तुलना में 7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 8.36 मिलियन टन खरीदारी की है. इस साल पंजाब में 13.2 मिलियन टन लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, पंजाब ही वह राज्य है जहां पर पिछले साल गेहूं की अधिकतम उपज और एमएसपी दर पर खरीदारी हुई थी. पिछले साल केंद्रीय पूल के लिए की गई कुल खरीद का लगभग आधे से अधिक यहीं से खरीदारी हुई थी. इसने केंद्र सरकार को तब बचाया, जब निर्यातक और व्यापारी अन्य राज्यों में एमएसपी से अधिक दर पर खरीदारी कर रहे थे.
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मध्य प्रदेश में इस साल गेहूं की खरीद 2.58 मिलियन टन से 79 प्रतिशत बढ़कर 4.62 मिलियन टन हो गई है, जबकि 15 जून तक 8 मिलियन टन खरीदने का लक्ष्य है. पिछले साल, केंद्र राज्य से 12.9 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले केवल 4.6 मिलियन टन ही खरीद सका था.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा ने एक साल पहले के 3.68 मिलियन टन से 5.26 मिलियन टन की वृद्धि दर्ज की है. वहीं, सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश ने 25 अप्रैल को खरीद में 7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 94,633 टन की वृद्धि दर्ज की है, जो कि एक साल पहले की अवधि में 88,158 टन थी.
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अन्य राज्यों में, सरकार ने राजस्थान में 38,124 टन (साल भर पहले के 737 टन के मुकाबले) और चंडीगढ़ में 7,270 टन खरीदा है. गुजरात ने अभी तक कोई मात्रा नहीं खरीदी है जबकि बिहार ने 184 टन की खरीद दर्ज की है. सरकार का लक्ष्य बिहार से 1 मिलियन टन, राजस्थान से 0.5 मिलियन टन और गुजरात से 0.2 मिलियन टन खरीदना है.
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