अमित शाह ने पेश की Nano DAP खाद, कही ये पांच बड़ी बातें

अमित शाह ने पेश की Nano DAP खाद, कही ये पांच बड़ी बातें

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप दानेदार यूरिया और DAP की जगह लिक्विड नैनो यूरिया और DAP का प्रयोग करें, यह उससे अधिक प्रभावी है. अगस्त, 2021 में नैनो यूरिया की मार्केटिंग शुरू हुई थी और मार्च, 2023 तक लगभग 6.3 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जा चुका है.

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अमित शाह ने पेश की Nano DAP खाद, कही ये पांच बड़ी बातेंकेंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इफको नैनो डीएपी राष्ट्र को समर्प‍ित की (Photo-IFFCO).

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नई दिल्ली के साकेत स्थित इफको सदन में इफको नैनो डीएपी लिक्विड को राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर उन्होंने कहा कि देश में उर्वरक का कुल उत्पादन 384 लाख मीट्रिक टन हुआ है जिसमें से सहकारी समितियों ने 132 लाख मीट्रिक टन का योगदान दिया है. इसमें से भी 90 लाख मीट्रिक टन खाद का उत्पादन अकेले इफको ने किया है. लिक्विड डीएपी की मदद से किसान न केवल मिट्टी की रक्षा कर सकता है, बल्कि पारंपरिक खादों से मानव स्वास्थ्य पर मंडरा रहे खतरे को भी कम कर सकता है. आइए जानते हैं कि अमित शाह ने इस मौके पर और क्या महत्वपूर्ण बातें कहीं.

अमित शाह ने कहा कि इफको नैनो डीएपी फर्टिलाइजर भारत को खाद के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत है. इससे पहले नैनो यूरिया बन चुका है. उन्होंने कहा कि नैनो फर्ट‍िलाइजर को क‍िसानों ने स्वीकार कर ल‍िया है, लेक‍िन क‍िसान दाने वाला यूर‍िया भी डालते हैं. इससे फसल और म‍िट्टी को नुकसान होता है. ये वैज्ञान‍िक तौर पर प्रमाण‍ित है क‍ि नैनो यूर‍िया के साथ दानेदार यूर‍िया की जरूरत नहीं है. क‍िसान इसका प्रयोग न करें. इस मौके पर इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी और प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी भी मौजूद रहे.

अमित शाह की खास बातें

1-अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इफ्को नैनो डीएपी (तरल) प्रोडक्ट का लॉन्च आने वाले दिनों में भारत के कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, किसानों को समृद्ध और उत्पादन और फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा. मोदी जी ने फरवरी, 2021 को नैनो यूरिया को मंजूरी दी थी और आज 2023 में लगभग 17 करोड़ नैनो यूरिया की बोतल बनाने का इंफ्रास्ट्रक्चर देश में खड़ा कर लिया गया है.

2-केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप दानेदार यूरिया और DAP की जगह लिक्विड नैनो यूरिया और DAP का प्रयोग करें, यह उससे अधिक प्रभावी है. अगस्त, 2021 में नैनो यूरिया की मार्केटिंग शुरू हुई थी और मार्च, 2023 तक लगभग 6.3 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जा चुका है. 500 ग्राम की इस एक बोतल का फसल पर असर 45 किलो दानेदार यूरिया की बोरी के बराबर है.

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3-अमित शाह ने कहा, वैज्ञानिक अनुसंधानों को 'Lab to Land' अप्रोच से खेत में पहुंचाने में इफको ने असाधारण काम किया है. 2021-22 में देश में यूरिया के आयात में सात लाख मीट्रिक टन की कमी आई है, इफको का यह प्रयास सभी राष्ट्रीय सहकारी समितियों को अनुसंधान और नए क्षेत्रों में पदार्पण के लिए प्रेरित करने वाला है. सहकारिता का मूल मंत्र  Mass production की जगह Mass production by Masses  है, सहकारी समितियों ने इस मंत्र पर चलकर सहकारिता की आत्मा को जीवित रखा है.

4-अमित शाह ने कहा कि हमारे देश को विकासशील देश से विकसित देश बनाने के लिए हमें कृषि को लाभप्रद बनाना होगा और इसमें नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. मृदा स्वास्थ में सुधार, कृषि लागत में कमी, जलवायु एवं पर्यावरण प्रदूषण में कमी नैनो उर्वरकों के माध्यम से ही पूरी की जा सकती है. भारत एक कृषि प्रधान देश है और यह विश्व में खादों की खपत का भी सबसे बड़ा बाज़ार है. परंतु जब भी किसानों को उर्वरकों की आवश्यकता होती है तब विदेशों में इसके दाम बढ़ने लगते हैं. नैनो खादों के माध्यम से आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना साकार होती है.

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5-अमित शाह ने कहा कि हमारे देश के ऐसे बहुत राज्य हैं जहां किसानों द्वारा पारंपरिक डीएपी का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग होता है, जैसे कि अगर हम आलू की बात करें तो पंजाब, हरियाणा, बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि में लगभग 6-8 बोरे प्रति एकड़ प्रयोग होते हैं. इसी तरह तमिलनाडु में धान की फसल में भी पारंपरिक डीएपी की टॉप ड्रेसिंग की जाती है. साथ ही कर्नाटक, बिहार जैसे राज्यों में मक्का, गन्ना और सब्जियों में अत्यधिक डीएपी का प्रयोग होता है.

शाह ने कहा, नैनो डीएपी द्वारा इन समस्त राज्यों के किसान भाइयों को खेती में लाभ मिलेगा क्योंकि इसकी उपयोग दक्षता 90 प्रतिशत से अधिक है. नैनो डीएपी की कीमत 600 रुपये है जो कि डीएपी के बोरी के दाम से आधे से भी कम है. यह भी मुझे अवगत कराया गया है कि नैनो डीएपी के कारण किसानों को 6 से 20 प्रतिशत तक फसलवार खर्चे में कमी आई है.

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