Tomato Price: देशभर में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं. कई शहरों में टमाटर की कीमतें बढ़कर 120 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं हैं. बढ़े हुए दामों के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सरकार को अगले 15 दिनों में सब्जी की कीमतें स्थिर होने की उम्मीद है, जब हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और सोलन और कर्नाटक से दिल्ली में सप्लाई शुरू होगी. दरअसल, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि अगले 15 दिनों में टमाटर समेत अन्य सब्जियों की कीमतें कम होने और एक महीने में सामान्य स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. वहीं उन्होंने टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी के लिए मौसम को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने आगे बताया केंद्र सरकार ने ‘टोमेटो ग्रैंड चैलेंज' हैकथॉन की घोषणा की है. जहां लोगों से टमाटर की कीमत कम करने के लिए आइडिया मांगे गए हैं. हैकथॉन में टमाटर के भंडारण और मूल्य निर्धारण पर छात्रों से लेकर उद्योग जगत तक के विचार आमंत्रित किए जा रहे हैं.
सचिव ने कहा, “टमाटर की कीमत बढ़ने की घटना हर साल इसी समय होती है. हर देश में प्रत्येक कृषि वस्तु एक मौसमी स्थिति से गुजरती है. जून में मौसम की वजह से कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच गईं.” उन्होंने आगे कहा, “टमाटर एक खराब होने वाली सब्जी है और मौसम ने सप्लाई को बाधित कर दिया है.”
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सचिव ने कहा कि आप टमाटर को लंबे समय तक स्टोर नहीं कर सकते हैं और इसे लंबी दूरी तक ट्रांसपोर्ट नहीं कर सकते हैं. यह सबसे बड़ी समस्या है. परिवहन भी एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि जून-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर सब्जियों के कम उत्पादन के मौसम हैं और इस अवधि में कीमतों में आमतौर पर तेजी से वृद्धि देखी जाती है.
उन्होंने कहा कि 29 जून को टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 49 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले इसी दिन यह 51.50 रुपये प्रति किलोग्राम थी. हालांकि उन्होंने कहा, "मैं इस दर को उचित नहीं ठहरा रहा हूं. यह मौसमी समस्या को साबित करता है."
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वहीं, अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56-58 प्रतिशत का योगदान है. दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र के राज्य सरप्लस उपज होने के बाद, देश के अन्य मंडियों में सप्लाई करते हैं.
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