कुछ प्रयोग अच्छे परिणाम देते हैं और दूसरों को भी उसी रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. मूंगफली की अच्छी उपज देने वाला ऐसा ही एक प्रयोग तेलंगाना के कांगटी मंडल के बाबुलगांव गांव में किया गया. वहां के रहने वाले प्रगतिशील किसान विलास राव के पास तकरीबन 4 एकड़ जमीन है.
पिछली गर्मियों के दौरान किसान ने लगभग 1.3 एकड़ में मूंगफली की खेती की और प्रयोग के तौर पर कृषि विस्तार अधिकारी (agriculture extension officer) संतोष के सुझाव के बाद जिप्सम का इस्तेमाल किया.
‘द हिंदू’ के मुताबिक, विलास राव के खेत में उपज काफी हद तक बढ़ गई. दरअसल, पहले उपज लगभग 8 क्विंटल होती थी जो बढ़कर 12 क्विंटल हो गई और लाभ लगभग 15,000 रुपये प्रति एकड़ हुआ. विलास राव के अलावा, 15 अन्य किसानों ने भी बाबुलगांव पंचायत सीमा के अंतर्गत स्थित चिंतलवाड़ी बस्ती में भी यही प्रयोग किया.
किसान विलास राव, कृषि विस्तार अधिकारी के साथ, पिछले कुछ महीनों से मूंगफली की खेती में जिप्सम के उपयोग और लाभ के बारे में प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि गर्मी आ रही है और इससे किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा. प्रयास है कि गांव में करीब 80 एकड़ में मूंगफली की खेती करने वाले किसान जिप्सम का प्रयोग करें और लाभ प्राप्त करें.
कृषि विस्तार अधिकारी, संतोष ने द हिंदू को बताया, “जिप्सम में कैल्शियम और सल्फर पाया जाता है, जिसकी मूंगफली की फसल को जरूरत होती है. किसान आमतौर पर एक एकड़ में मूंगफली की खेती के लिए 15,000 रुपये और 20,000 रुपये के बीच निवेश करते हैं, निवेश से उनकी आमदनी 40,000 रुपये और 50,000 रुपये के बीच होगी. वहीं जिप्सम के उपयोग से, उनकी आय प्रति एकड़ 12,000 रुपये से 20,000 रुपये तक बढ़ जाती है."
ये भी पढ़ें- मूंगफली की अधिक उपज चाहिए तो ध्यान दें, फसल में इन दवाओं का इस्तेमाल है जरूरी
"क्षेत्र के किसानों को 7 से 8 क्विंटल तक उपज मिल जाती है, लेकिन फसल जब 45-50 दिन की हो जाए तब जिप्सम का प्रयोग किया जाए तो उपज लगभग 10-12 क्विंटल तक हो जाती है. उन्हें प्रति एकड़ जिप्सम पर सिर्फ 700 रुपये खर्च करने की जरूरत है.”
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today