कृष‍ि क्षेत्र में रोजगार के ल‍िए एक लाख ग्रामीण युवाओं को ट्रेंड करेगा स‍िंजेंटा, जान‍िए क्या है प्लान 

कृष‍ि क्षेत्र में रोजगार के ल‍िए एक लाख ग्रामीण युवाओं को ट्रेंड करेगा स‍िंजेंटा, जान‍िए क्या है प्लान 

कंपनी के ग्लोबल सीईओ जेफ रो ने कहा क‍ि 'आई-राइज' कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को ट्रेंड कर उन्हें कृषि आधारित रोजगार से जोड़ेगा, ताकि गांवों से हो रहे पलायन को रोका जा सके. साथ ही कृषि क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की घटती संख्या की चुनौती का सामना किया जा सके.

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कृष‍ि क्षेत्र में रोजगार के ल‍िए एक लाख ग्रामीण युवाओं को ट्रेंड करेगा स‍िंजेंटा, जान‍िए क्या है प्लान करनाल में एक कार्यक्रम के दौरान सिंजेन्टा के ग्लोबल सीईओ जेफ रो क‍िसानों के साथ.

सिंजेंटा के ग्लोबल सीईओ जेफ रो ने अपने पहले भारत दौरे पर सोमवार को कृषि के क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की.  उन्होंने भारतीय किसानों, युवाओं और ग्रामीणों के प्रति कंपनी के जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की. रो ने 'आई-राइज' (इन्कल्केटिंग रूरल इंडिया स्किल एन्हांसमेंट) कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका मकसद एक लाख ग्रामीण युवाओं को कृष‍ि क्षेत्र की विभिन्न नौकरियों के लिए ट्रेंड करना है. अपने दौरे के दौरान, उन्होंने हरियाणा में क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर परियोजना के लिए फील्ड डेमोंस्ट्रेशन में भाग लिया. करनाल में किसानों से मुलाकात की और क्रॉप प्रोटक्शन के ल‍िए ड्रोन प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

रो ने 'आई-राइज' के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा क‍ि यह कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को ट्रेंड कर उन्हें कृषि आधारित रोजगार से जोड़ेगा, ताकि गांवों से हो रहे पलायन को रोका जा सके और कृषि में कुशल श्रमिकों की घटती संख्या की चुनौती का सामना किया जा सके. 'आई-राइज' के तहत, 35 वर्ष से कम आयु के ग्रामीण युवा, जिन्होंने कम-से-कम कक्षा 10वीं तक की शिक्षा प्राप्त की हो और जिन्हें कृषि का अनुभव हो, 30 दिनों की ट्रेन‍िंग और उसके बाद दो महीने की इंटर्नशिप में भाग लेंगे. इसके बाद, वे कृषि आपूर्ति शृंखला, सूक्ष्म व्यवसाय या खेती की गतिविधियों में रोजगार की तलाश कर सकते हैं. 

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क्या है प्रोग्राम 

रो ने बताया क‍ि यह कार्यक्रम थ्री-ई (3Es) सिद्धांत पर आधारित है. ज‍िसके तहत युवाओं को कृषि क्षेत्र में ट्रेंड कर और मार्गदर्शन देकर उन्हें कुशल बनाना, उन्हें रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के माध्यम से जोड़ना और उनकी आय में वृद्धि करना है. बाद में, हरियाणा के खेतों का दौरा करने और स्थानीय किसानों से मिलने के बाद, रो ने भारतीय किसानों द्वारा टेक्नोलॉजी को तेजी से अपनाने की सराहना की. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय किसान इनोवेशन को अपनाने में सक्षम हैं. 

जलवायु पर‍िवर्तन और क‍िसान 

सीईओ ने कहा, 'हम किसानों को जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम तरीकों को अपनाने में सहयोग कर रहे हैं. हम ऐसी तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उत्पादन को बढ़ाएं और सुरक्षित रखें. ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करें, ताकि कृषि के क्षेत्र की तरक्की हो. रो ने कहा, हम पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार, क्षीण भूमि की उत्पादकता बढ़ाने और मिट्टी में कार्बन भंडारण बढ़ाने पर भी फोकस कर रहे हैं. 

यूर‍िया का कम इस्तेमाल 

सिंजेंटा इंडिया के एमडी एवं कंट्री हेड सुशील कुमार ने 'क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट' की जानकारी दी. उन्होंने कहा क‍ि 'यह प्रोजेक्ट हरियाणा और पंजाब में चावल उत्पादन को प्रभावित करने वाली जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करती है. प्रोजेक्ट में उर्वरक उपयोग को कस्टमाइज करने के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य का विश्लेषण किया जाता है, जिससे प्रति एकड़ 100 किलोग्राम यूरिया की कमी होती है. 

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