पेड़ और उससे मिलने वाली हवाओं का महत्व हमें सबसे ज्यादा तब पता चला, जब कोरोना की दूसरी लहर में लोग ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे. इस वजह से लोग पेड़ लगाने के प्रति जागरूक हुए. हम लोगों में से बहुत से लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने अपनी जिंदगी में एक भी पेड़ नहीं लगाई होगी. लेकिन एक ऐसे भी व्यक्ति हैं जिन्होंने पेड़ लगाने के मामले में कृतिमान स्थापित किया है. उस व्यक्ति ने अपने जीवन के चार दशक में दो करोड़ पेड़ लगा दिए हैं. जिसमें से उन्होंने सबसे अधिक पीपल के पेड़ लगाएं हैं. इसलिए उन्हें लोग अब पीपल बाबा के नाम से भी जानते हैं.
पीपल बाबा का मानना है कि पूरे देश में जो ऑक्सीजन की कमी और प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है उसे ठीक करने के लिए हमें सामंजस्य बैठा कर 50 प्रतिशत जंगल और 50 प्रतिशत रिहायशी क्षेत्र रखना होगा. तब जाकर लोगों को साफ सुथरी हवा और प्रदूषण से छुटकारा मिल पाएगा.
पीपल बाबा का जन्म वर्ष 1966 में हुआ था. जब वो दस साल के थे तभी से अपनी टीचर की पेड़ लगाने के प्रति जागरुकता और उसे लगाने से प्रभावित होकर उन्होंने पीपल का पेड़ लगाना शुरू किया. पीपल बाबा का असली नाम स्वामी प्रेम परिवर्तन है. लेकिन उनका पीपल के पेड़ लगाने के प्रति लगन को देखकर उन्हें लोग पीपल बाबा कहने लगे. उनका कहना है कि पीपल का पेड़ अपने साथ कई तरह की पेड़ पौधे और जीव को आश्रय देता है और जिंदा रखता है. साथ ही इसकी ज्यादा देखभाल भी नहीं करनी पड़ती है. इसलिए पीपल के पेड़ को लगाना शुरू किया था.
पीपल बाबा का कहना है कि उन्होंने अलग-अलग जिले में रहकर काम किया है. उन्होंने गिव मी ट्री फाउंडेशन बनाया है और उसी से फाउंडेशन से अब तक 28 राज्यों के कुल 202 जिलों में पेड़ लगाने और उसे जंगल में तब्दील करने की सोची है. इसके तहत उन्होंने कुल 2 करोड़ पेड़, जिला प्रशासन और अन्य अथॉरिटी और अन्य वालंटियर के साथ मिलकर ये प्रेरणा भरा कार्य किया है.
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पीपल बाबा का कहना है कि दिल्ली एनसीआर के जिला गौतमबुद्ध नगर में नोएडा अथॉरिटी की मदद से कई काम किए हैं. नोएडा के सेक्टर-150 में भी कई काम शुरू किए गए हैं. साथ ही लखनऊ में भी डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि अगर किसी को मुझसे संपर्क करना हो तो वह www.peepalbaba.org पर संपर्क कर सकते हैं.
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