Bihar News: हैदराबाद से आए शुूटरों ने किया 13 नीलगायों को ढेर, किसानों को मिली राहत

Bihar News: हैदराबाद से आए शुूटरों ने किया 13 नीलगायों को ढेर, किसानों को मिली राहत

नीलगायों को मारने के अभियान से स्थानीय किसानों को राहत की सांस मिली है. स्थानीय किसानों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से नीलगाय उनकी फसलों को रौंद देती थीं, जिससे उन्हें काफी नुकसान होता था. लेकिन अब वन विभाग और सरकार द्वारा उठाए गए कदम से किसान खुश हैं.

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Bihar News: हैदराबाद से आए शुूटरों ने किया 13 नीलगायों को ढेर, किसानों को मिली राहतहैदराबाद से आए शुूटरों ने किया 13 नीलगायों को ढेर, फोटो साभार: freepik

बिहार में किसानों की फसलों को बर्बाद कर रही नीलगायों के आतंक से छुटकारा दिलाने की कवायद जारी है. राज्य के कुछ जिलों में नीलगायों को मारने का अभियान शुरू कर दिया गया है. वन विभाग की पहल पर हैदराबाद से बुलाए गए शूटरों ने मधेपूरा जिले सदर प्रखंड के साहुगढ़ की एक पंचायत में शूटरों ने खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा रही 13 नीलगायों को मार दिया. दरअसल नीलगायों की खेतों में घूमते झुंड से फसलों को हो रहे नुकसान से राज्य के कई जिलों के किसान काफी परेशान हैं.

क्योंकि फसलों के बर्बाद होने से किसानों को हर साल आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसको देखते हुए सदर प्रखंड के किसानों से कृषि विभाग और वन विभाग से नील गायों से छुटकारा दिलाए जाने की मांग की थी.

सरकार ने नीलगायों को मारने का दिया आदेश

किसानों की इन समस्याओं को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों और किसानों को इस पहल पर सरकार द्वारा खेतों में आतंक मचा रही नीलगायों को मारने का आदेश दे दिया गया. सरकार के आदेश देने के बाद कृषि विभाग और वन विभाग के अधिकारियों ने हैदराबाद से बुलाई गई शूटरों की टीम के साथ नीलगायों को मारने का अभियान शुरू कर दिया.

दो शूटरों ने मार गिराईं 13 नीलगाय

मधेपुरा की साहुगढ पंचायत में सुबह से शाम तक चलाए गए अभियान में शूटरों ने 1 दिन में खेत में फसल खा रही 13 नील गायों को मार गिराया. इसको लेकर फारेस्टर फारेस्टर रेणु कुमारी ने बताया कि एक दिन की कार्रवाई करने के बाद शूटरों की टीम वापस लौट गई है. लेकिन, 10 से 15 दिनों के बाद टीम फिर से वापस आएगी. क्योंकि टीम द्वारा किसानों को नुकसान पहुंचाने वाली नीलगायों को और मारा जाएगा. साथ ही यह अभियान हैदराबाद के मुख्य शूटर सोहेल फारूकी और उसके एक सहयोगी द्वारा चलाया गया.रेणु कुमारी ने बताया कि वन और पर्यावरण विभाग से आदेश प्राप्त करने के बाद नीलगायों को मारने का अभियान शुरू किया गया.

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अभियान से मिलेगी राहत

नीलगायों को मारने के अभियान से स्थानीय किसानों को राहत की सांस मिली है. स्थानीय किसानों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से नीलगाय उनकी फसलों को रौंद देती थीं. जिससे उन्हें काफी नुकसान होता था. किसानों ने कहा कि खेती के समय हम कर्ज लेकर खेती करते हैं और फसलें जब तैयार होने वाली होती हैं तो नीलगाय उन्हें रौंद कर और खाकर फसलों का नुकसान कर देती हैं. लेकिन, सरकार और वन विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम अच्छा है जिससे हम किसानों को राहत मिलेगी.

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