इस बार असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की गुणवत्ता खराब होने के कारण गेहूं की गुणवत्ता मानकों में छूट दी गई थी. इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति कुं० निर्धारित किया गया है. किसानों की सुविधा के लिए खाद्य एवं रसद विभाग, पी०सी०एफ० पी०सी०यू० यू०पी०एस०एस० मण्डी परिषद, नैफेड व भा०खा०नि० क्रय एजेन्सियों के द्वारा प्रदेश में 5674 खरीद केन्द्र चलाए जा रहे हैं.
प्रदेश में अब तक 25531 किसानों से 1.15 लाख मी0टन गेहूं की खरीद की गयी है. वही 187.52 करोड़ रुपये की धनराशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी गयी है. प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू के मुताबिक रबी विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत प्रदेश में गेहूं खरीद सीधे किसानों से की जा रही है.
खाद्य आयुक्त ने बताया कि असमय वर्षा व ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल प्रभावित होने व गेहूं की गुणवत्ता खराब होने के कारण कृषक हित में शासन द्वारा गेहूं की गुणवत्ता मानकों में छूट दी गई है. छूट में 80 प्रतिशत की सीमा तक चमकविहीन (Lusture Loss) गेहूं तथा 18 प्रतिशत तक की सीमा तक सिकुड़े व टूटे हुए दाने (Shrivilled & Broken) वाले गेहूं की भी खरीद बिना किसी कटौती के समर्थन मूल्य पर की जायेगी और (एफएक्यू) गेहूं की खरीद भी की जाती रहेगी.
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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को राहत देने के लिए गेहूं खरीद की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने खाद्य एवं रसद विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में गेहूं खरीद की समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को लक्ष्य के मुताबिक गेहूं की खरीद करने के समुचित इंतजाम करने को कहा.
उल्लेखनीय है कि यूपी में गेहूं की खरीद पर प्रदेश सरकार का ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार का भी विशेष ध्यान है. गेहूं की खरीद में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने गत 24 अप्रैल को एक आदेश जारी कर कहा था कि प्रदेश में पंचायतों और आढ़तियों के माध्यम से भी गेहूं खरीदा जाए.
गेहूं की खरीद के नियमों के मुताबिक आरएमएस के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों और आढ़तियों के माध्यम से एफएक्यू गेहूं खरीद पर अन्य समितियों की भांति नियमानुसार 27 रुपये प्रति कुंतल कमीशन देय होगा.
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