
जलवायु परिवर्तन की वजह से हिमालयी इकोलॉजी के राज्यों का तापमान बढ़ा है- GFX Sandeep Bhardwaj जलवायु परिवर्तन दुनियाभर के लिए गंभीर चुनौती बन कर उभरा है. इससे निपटने के लिए दुनियाभर की एजेंसिया काम रही हैं. तो वहीं जलवायु परिवर्तन से मौसम में होने वाले बदलाव भी दिखाई देने लगे हैं. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौसम विज्ञान विभाग और क्लाइमेंट चेंज रिसर्च ऑफिस ने भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया है. इस अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार देश के हिमालयी राज्य यानी पहाड़ी राज्यों पर जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर पड़ा है. रिपोर्ट के आंकड़ाें का निष्कर्ष निकाला जाए तो जलवायु परिवर्तन की वजह से वर्ष 2022 में पहाड़ी राज्यों के तापमान में 1 डिग्री से अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौसम विज्ञान विभाग और क्लाइमेंट चेंज रिसर्च ऑफिस की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन का असर बेशक हिमालयी राज्यों पर अधिक पड़ा है, लेकिन इस वजह से देश 25 राज्यों के तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है. मौसम विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट में 27 राज्यों के आंकड़ें दिए गए हैं, जिसमें से 25 राज्यों के तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इन 25 राज्यों में जिन राज्यों के तापमान में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, उनमें हिमालयी इकोलॉजी वाले राज्य शामिल हैं.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौसम विज्ञान विभाग और क्लाइमेंट चेंज रिसर्च ऑफिस की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वजह से वर्ष 2022 में देश के 25 राज्यों का land surface air temperature यानी भूमि सतह तापमान के साथ ही औसत वार्षिक अधिकतम और न्यूनतम तापमान (1971 से 2020 का LPA) में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. LPA का मतलब Long Period Average है, जिसमें 1971 से 2020 के बीच दर्ज तापमान का औसत निकाला गया है. इस अवधि में LPA की तुलना में तापमान अधिकतम या न्यूनतम दर्ज किया जा सकता है, लेकिन उसका औसत LPA होता है. वहीं भूमि सतह तापमान समुद्र और भूमि की सतह के तापमान का औसत होता है.
देश में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहचान ठंडे प्रदेशों की है, जहां की जलवायु को हिमालय ठंडा रहता है. इसके साथ ही हिमालयी इकोलॉजी वाले प्रदेशों में मणिपुर, मेघालय और मिजोरम,सिक्किम, मेघालय, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड हैं. जलवायु परिवर्तन की वजह से इन सभी प्रदेशों के तापामन में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड का भूमि सतह तापमान 16.2 डिग्री है, जिसमें वर्ष 2022 के दौरान 1.2 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं वर्ष 2022 में LPA की तुलना में उत्तराखंड के वार्षिक अधिकतम तापमान में 1.1 डिग्री और न्यूनतम 1.3 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इसी तरह हिमाचल का भूमि सतह तापमान 17.6 डिग्री होना चाहिए, उसमें वर्ष 2022 के दौरान 1.2 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.वहीं वर्ष 2022 में LPA की तुलना में हिमाचल प्रदेश के वार्षिक अधिकतम तापमान में 1 डिग्री और न्यूनतम 1.3 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौसम विज्ञान विभाग और क्लाइमेंट चेंज रिसर्च ऑफिस की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वजह से वर्ष 2022 में जहां देश के 25 राज्यों के तापमान में बढ़ाेत्तरी हुई है. वहीं इसी साल तेलांगना और कर्नाटक के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक का भूमि सतह तापमान 25.1 डिग्री है, जिसमें वर्ष 2022 के दौरान -0.01 की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं वर्ष 2022 में LPA की तुलना में कर्नाटक के वार्षिक अधिकतम तापमान में -0.1 डिग्री की गिरावट और न्यूनतम 0.1 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इसी तरह तेलांगना का भूमि सतह तापमान 27.6 डिग्री होना चाहिए, उसमें वर्ष 2022 में 0.1 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, लेकिन वर्ष 2022 में LPA की तुलना में तेलांगना के वार्षिक अधिकतम तापमान में -0.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि न्यूनतम तापमान में 0.2 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
जलवायु परिवर्तन की वजह से सिर्फ तापमान में ही बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश के पैटर्न में भी असमानताएं दर्ज की गई है. रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में कई राज्यों में बारिश की अधिकता के साथ ही सूखे जैसे हालात बने. रिपोर्ट के अनुसार 2022 में बिहार के 38 जिलों में से 31 जिलों में कम बारिश होने से सूखे के हालात बने. गुजरात के 36 में से 16 जिलों में अधिकतम और 1 जिले में कम बारिश दर्ज की गई. इसी तरह हरियाणा के 22 में 12 में अधिक बारिश और 1 जिले में कम बारिश दर्ज की गई. रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के 24 जिलों में से 10 जिलों में कम बारिश और 1 जिले में अधिक बारिश वर्ष 2022 में दर्ज की गई.
इसी तरह बारिश के पैटर्न में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी बदलाव देखने को मिला. मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 30 जिलों में अधिकतम बारिश दर्ज की गई. वहीं महाराष्ट्र के 36 में से 20 जिलों में साल 2022 में जमकर बारिश हुई. तो राजस्थान के 33 जिलों में से 24 जिलों में अधिकतम बारिश दर्ज की गई. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 12 जिलों में अधिकतम बारिश और 32 जिलों में कम बारिश साल 2022 में दर्ज की गई.
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