
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में 2-4 मार्च के दौरान तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेला-2023 का 'श्री अन्नों द्वारा पोषण, खाद्य एवं पर्यावरण सुरक्षा' की थीम पर आयोजित किया गया. इस मेले में देशभर से बड़ी संख्या में किसानों ने दौरा किया और गेहूं, सरसों, मसूर, चना, सब्जियों, फूलों और फलों की फसलों की जलवायु अनुकूल किस्मों के जीवंत प्रदर्शनी को देखा. मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने आईसीएआर को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कृषि भूमि पर कम से कम 25 प्रतिशत खेती जैविक और प्राकृतिक खेती तकनीकों पर हो. वहीं डॉ. अशोक कुमार सिंह, निदेशक, आईसीएआर-आईएआरआई ने मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का समापन समारोह में स्वागत किया.
दरअसल अपने संबोधन में, कैलाश चौधरी ने कहा कि भारत का कृषि उत्पादन 2013-14 में 265 मिलियन टन से बढ़कर पिछले वर्ष 315 मिलियन टन हो गया और इस वित्तीय वर्ष में यह 324 मिलियन टन तक पहुंचने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के कल्याण के चार चरणों का लक्ष्य रखा है, अर्थात् बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, काम की लागत कम करना, भंडारण और परिवहन में सुधार करना, बाजारों को सक्षम बनाना और किसानों की उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करना.
चौधरी ने आगे कहा कि कृषि मंत्रालय ने आईसीएआर को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कृषि भूमि पर कम से कम 25 प्रतिशत खेती जैविक और प्राकृतिक खेती तकनीकों पर हो. उन्होंने पोषण सुरक्षा के लिए मिलटेस की किस्मों के विकास के लिए काम करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने नई और नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों, खाद्य और पर्यावरण सुरक्षा की केंद्रीय भूमिका को दोहराया. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और फसल की किस्मों को किसानों तक बिना किसी समय अंतराल के पहुंचना चाहिए और किसानों का विश्वास जीतने के लिए किसानों के खेतों में इसका डेमो किया जाना चाहिए.
चौधरी ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, जैविक कृषि और पारंपरिक कृषि विकास योजना (परंपरागत कृषि विकास योजना) जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करना है.
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव, डेयर और महानिदेशक, आईसीएआर ने घोषणा की कि प्रत्येक आईसीएआर संस्थान किसानों के लाभ के लिए सालाना एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा. उन्होंने कहा कि प्रगति और प्रकृति को साथ-साथ चलना है. डॉ पाठक ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स, जिन्होंने हाल ही में पूसा कैंपस में लगभग दो घंटे बिताने के बाद आईसीएआर-आईएआरआई का दौरा किया, ने ट्वीट किया है कि भारत का कृषि अनुसंधान केंद्र दुनिया में नंबर 1 है.
समापन समारोह के दौरान महिला किसानों सहित छह साथी किसानों और 42 नवोन्मेषी किसानों को 'आईएआरआई इनोवेटिव फार्मर अवार्ड' से सम्मानित किया गया. वहीं इस समारोह के दौरान डॉ रवींद्र नाथ पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), डॉ जेपीएस डबास, प्रभारी, कैटैट, आईसीएआर-आईएआरआई और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.
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