उत्तराखंड सहित हिमालय के अन्य क्षेत्रों में जंगली फल के तौर पर पाया जाने वाला फल काफल काफी लोकप्रिय है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी भी इसके दीवाने हैं. दरअसल, पीएम मोदी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिनों पहले काफल भेंट किए थे. इस काफल को खाकर पीएम मोदी इस जंगली फल दीवाने हो गए. ये बात प्रधानमंत्री ने खुद सीएम धामी को पत्र में लिखकर कही है. प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से भेजे गए रसीले और दिव्य मौसमी फल ‘काफल’ मिले हैं.
पीएम मोदी ने आगे लिखा कि हमारी प्रकृति ने हमें एक से बढ़कर एक उपहार दिए हैं और उत्तराखण्ड तो इस मामले में बहुत धनी है, जहां औषधीय गुणों से युक्त कंद-मूल और फल-फूल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. काफल ऐसा ही एक फल है, जिसके औषधीय गुणों का उल्लेख प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी मिलता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र में कहा है कि काफल उत्तराखंड की संस्कृति में भी रचा बसा फल है. इसका वर्णन अलग-अलग रूपों में यहां के लोकगीतों में भी पाया जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जाएं और वहां मिलने वाले लोकप्रिय और अलग-अलग प्रकार के पहाड़ी फलों का स्वाद न लें, तो यात्रा आधी-अधूरी लगती है. दरअसल गर्मियों के मौसम में पक कर तैयार होने वाले काफल राज्य में आने वाले पर्यटकों में भी खुब लोकप्रिय है. वहीं अपनी बढ़ी हुई मांग के कारण मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाला यह फल स्थानीय लोगों को आर्थिक मजबूती भी प्रदान कर रहा है.
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पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि काफल के लिए उपयुक्त बाजार सुनिश्चित कर गुणों से भरपूर इस फल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. बाबा केदार और भगवान बद्री विशाल से उत्तराखंड के लोगों के कल्याण और राज्य की समृद्धि की कामना करता हूँ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जी के इन स्नेहपूर्ण शब्दों से हमारा और समस्त राज्यवासियों का उत्साहवर्धन हुआ है. वहीं उन्होंने काफल और उत्तराखंड के लिए कहे शब्दों के लिए पीएम का धन्यवाद दिया है.
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