लद्दाख और उससे सटे इलाकों में बड़ी संख्या में याक का पालन किया जाता है. याक एक दूध देने वाला पशु है. हालांकि याक के दूध की मैदानी इलाकों में ना तो कोई डिमांड है और ना ही सप्लाई करने के संसाधन. लेकिन जानकारों की मानें तो याक के दूध से बने पनीर की मांग आने लगी है. शायद यही वजह है कि लद्दाख के पशुपालक याक के दूध से बने पनीर को ब्रांड बनाने की मांग कर रहे हैं. हाल ही में पशुपालकों का एक प्रतिनिधिमंडल नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के प्रेसिडेंट से मिला.
इस मौके पर उनके साथ लद्दाख पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर त्सेरिंग अंगचुक भी थे. इसके साथ ही पशुपालकों ने डेयरी विकास और लद्दाख में रोजी-रोटी के अवसर पैदा करने वाली योजनाओं की भी मांग है कि है.
ये भी पढ़ें: Sheep Meat: कश्मीर में बढ़ी भेड़ के मीट की मांग, दूसरे राज्यों से हो रही सप्लाई, पढ़ें डिटेल
एनडीडीबी के प्रेसिडेंट डॉ. मीनेश शाह से मुलाकात के दौरान लद्दाख के पशुपालकों ने मांग की कि उनके यहां खुबानी और समुद्री हिरन का सींग जैसे उत्पाद भी खूब होते हैं. इनकी डिमांड भी है. लेकिन अभी तक इन्हें एक पहचान नहीं मिली है. अगर ये ब्रांड बन जाते हैं तो डिमांड बढ़ने के साथ ही इनके रेट भी अच्छे मिलने लगेंगे. वहीं पशुपालकों का कहना था कि डेयरी विकास में तेजी लाने के लिए डेयरी से संबंधित प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, मैनपावर डवलपमेंट और इनपुट सेवाओं जैसे अहम बिन्दुओं पर हमे एनडीडीबी के समर्थन की जरूरत है.
ये भी पढ़ें: Dairy Expo: डेयरी सेक्टर एक लाख लीटर दूध पर गांव-शहर में देता है 6 हजार नौकरी-आरएस सोढ़ी
डॉ. मीनेश शाह ने पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि डेयरी में बेहतर प्रोडक्शन और क्वालिटी के लिए जरूरी है कि पशुओं को अच्छा चारा मिले और तकनीक के साथ कृत्रिम गर्भाधान हो. और इन दोनों ही काम में हम लद्दाख के पशुपालकों की पूरी मदद करेंगे. साथ ही उन्होंने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने वाली बात पर राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के माध्यम से बाजार पहुंच प्रदान करके लद्दाख के स्थानीय जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी समर्थन बढ़ाया.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today