Nandini vs Amul: कर्नाटक में राहुल गांधी ने नंदिनी आइसक्रीम का उठाया लुत्फ, लिखा- "कर्नाटक का गर्व, नंदिनी इज द बेस्ट"

Nandini vs Amul: कर्नाटक में राहुल गांधी ने नंदिनी आइसक्रीम का उठाया लुत्फ, लिखा- "कर्नाटक का गर्व, नंदिनी इज द बेस्ट"

कर्नाटक में अमूल के प्रवेश पर विवाद के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राज्य पार्टी प्रमुख डीके शिवकुमार और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नंदिनी मिल्क स्टोर का दौरा किया. राहुल गांधी ने ट्विटर पर नादिनी आइसक्रीम खरीदते हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और कैप्शन में लिखा, "कर्नाटक का गर्व, नंदिनी इज द बेस्ट"

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Nandini vs Amul: कर्नाटक में राहुल गांधी ने नंदिनी आइसक्रीम का उठाया लुत्फ, लिखा- "कर्नाटक का गर्व, नंदिनी इज द बेस्ट" कर्नाटक में राहुल गांधी ने नंदिनी आइसक्रीम का उठाया लुत्फ

कर्नाटक में मई माह में चुनाव होना है, लेकिन इनदिनों चुनाव के अलावा दूध पर चर्चा हो रही है. दरअसल, कुछ दिनों पहले अमूल ने यह ऐलान किया था कि वह अपने उत्पादों को कर्नाटक में भी बेचेगा, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक इस बात की चर्चा होने लगी की यदि ऐसा होगा तो इसका नंदिनी ब्रांड पर प्रभाव पड़ेगा. वहीं राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले इसको लेकर राज्य में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.

बीते दिन राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को रविवार को बेंगलुरु के जेपी नगर में नंदिनी मिल्क पार्लर में आइसक्रीम का स्वाद चखते देखा गया. इसके अलावा, राहुल गांधी ने नंदिनी आउटलेट पर की अपनी एक तस्वीर भी ट्वीट की, और लिखा: "कर्नाटक का गर्व, नंदिनी इज द बेस्ट!"

नंदिनी ब्रांड कर्नाटक के किसानों के स्वाभिमान का प्रतीक

इससे पहले, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष शिवकुमार ने एक चुनाव प्रचार के दौरान एक नंदिनी स्टोर का दौरा किया था और दुग्ध उत्पादों की खरीदारी की थी. उन्होंने कहा  था कि नंदिनी ब्रांड कर्नाटक के किसानों के स्वाभिमान का प्रतीक है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा था, “आज हसन के नंदिनी स्टोर गए और दुग्ध उत्पाद खरीदे. भाजपा सरकार नंदिनी ब्रांड को हाईजैक करने की कोशिश कर रही है जो हमारे किसानों और कन्नडिगाओं के स्वाभिमान का प्रतीक है. लेकिन भाजपा सरकार को यह याद रखना चाहिए कि कन्नडिगा अपना स्वाभिमान कभी नहीं बेचेंगे.”

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“नंदिनी ब्रांड खतरे में आ जाएगा”

गुजरात स्थित दूध के मशहूर ब्रांड अमूल ने 5 अप्रैल को कर्नाटक में प्रवेश की घोषणा करने के लिए ट्वीट किया था. इसमें लिखा गया था, "बेंगलुरु के लिए दूध-दही के साथ ताजगी की नई लहर आ रही है. अधिक जानकारी जल्द ही दी जाएगी. #LaunchAlert.” इसी के बाद से विरोध शुरू हो गया. सोशल मीडिया में कई हैशटैग की बाढ़ आ गई. विवाद बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #SaveNandini और #GoBackAmul ट्रेंड करने लगे थे.
 


जिसके बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति होनी लगी. इस पर विपक्ष का कहना है कि अगर गुजरात का बड़ा ब्रांड राज्य के बाजार में प्रवेश करता है तो नंदिनी ब्रांड खतरे में आ जाएगा. इस बीच, भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस इस मुद्दे से सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.

“हजारों डेयरी किसानों की आजीविका होगी प्रभावित”

इसी तरह, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि अमूल के आने से केएमएफ के कारोबार और राज्य में हजारों डेयरी किसानों की आजीविका प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी समितियों के लिए यह एक स्वीकृत रीति है कि वे उन राज्यों में नहीं जाएं जहां उनकी अपनी सहकारी समितियां हैं, जिसके कारण नंदिनी ने गुजरात के मार्केट में प्रवेश नहीं किया है और अमूल को भी इसका पालन करना चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने बेंगलुरू के कोरमंगला में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) को भारी किराये की जगह सस्ती कीमत पर दी है.
 

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