Mahananda Dairy: नौ लाख लीटर दूध रोजाना से 80 हजार लीटर पर आया महानंदा डेयरी का दूध कलेक्शन

Mahananda Dairy: नौ लाख लीटर दूध रोजाना से 80 हजार लीटर पर आया महानंदा डेयरी का दूध कलेक्शन

महानंदा मामले पर डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि महाराष्ट्र में बड़े डेयरी प्लेयर के चलते ये सब कुछ हुआ है. वहां डेयरी सेक्टर में नई टेक्नोलॉजी को अपनाया गया. हर तरीके से अपने को अपडेट करते रहे. आज महाराष्ट्र  में हर रोज 14 मिलियन लीटर दूध में से 11 मिलियन लीटर दूध डेयरी के बड़े प्राइवेट ब्रांड खरीदते हैं. 

Advertisement
Mahananda Dairy: नौ लाख लीटर दूध रोजाना से 80 हजार लीटर पर आया महानंदा डेयरी का दूध कलेक्शनहिमाचल प्रदेश में दूध पर बढ़ी MSP

जैसे-जैसे महाराष्ट्र की महानंदा डेयरी नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने का वक्त आ रहा है तो उस पर आरोप और चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने साफ किया है कि महानंदा डेयरी को सौंपने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया गया है. डेयरी लगातार घाटे में जा रही थी. 19 साल में डेयरी का दूध संग्रह नौ लाख लीटर से 80 हजार लीटर पर आ गया है. कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया था. वहीं विपक्ष का आरोप है कि डेयरी की जमीन बेचने के लिए महानंदा डेयरी एनडीडीबी को सौंपी जा रही है. 

अधिग्रहण में अभी कुछ वक्त बाकी है, लेकिन इससे पहले ही महानंदा डेयरी के बोर्ड मेम्बर ने इस्तीफा दे दिया है. डेयरी के 940 कर्मचारियों में से 530 ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया है. ऐसी भी चर्चाएं चल रही हैं कि आने वाले वक्त  में राज्य कैबिनेट में भी इस मामले पर जोरदार चर्चा हो सकती है.  

ये भी पढ़ें: Dairy Milk: अब डेयरी सेक्टर में उठी MSP की मांग, सरकार ऐसे बढ़ा सकती है पशुपालकों की कमाई

वीआरएस लेने वालों को मिलेगा 128 करोड़ रुपये 

महानंदा डेयरी के अध्यक्ष राजेश परजाने का कहना है कि एक एनडीडीबी से 253 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. इसमे से वीआरएस लेने वाले 530 कर्मचारियोंको 128 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. वहीं एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह का कहना है कि कर्मचारियों को लेकर राज्य सरकार से जो बात हुई है उसी के आधार पर काम किया जाएगा. आज महानंदा डेयरी का प्रोडक्शन बहुत कम है. कर्मचारियों की संख्या सरप्लस है. इसलिए सरकार से हुई बातचीत के आधार पर सरप्लस कर्मचारियों को वीआरएस दिया जाएगा. ऐसा कतई नहीं होगा कि टेकओवर करने के साथ ही कर्मचारियों से कह दिया जाए कि आपको कल से नहीं आना है. 

ये भी पढ़ें: Dairy Ghee: आने वाले दिनों में ब्रिटेन बन सकता है भारतीय घी का बड़ा खरीदार, जाने डिटेल

महाराष्ट्र सरकार महानंदा डेयरी के मामले पर पहले भी इशारा दे चुकी है कि डेयरी की प्राइवेट कंपनियां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. दूध वितरण का उनका नेटवर्क मजबूत हो चला है. यही वजह है कि डेयरी के इस आधुनिक दौर में महानंदा डेयरी लगातार पिछड़ती रही है.   
 

 

POST A COMMENT