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Karnataka: किसानों ने दिखाई रुचि, खरीफ फसलों का रकबा बढ़कर 82.35 लाख हेक्टेयर होने की उम्मीद, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

Karnataka: किसानों ने दिखाई रुचि, खरीफ फसलों का रकबा बढ़कर 82.35 लाख हेक्टेयर होने की उम्मीद, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

चालू खरीफ 2023 सीजन में कर्नाटक में धान और रागी जैसे अनाज और तूर जैसी दालों के रकबे में बढ़ोतरी देखी जा रही है. वहीं राज्य में खरीफ फसलों के तहत कुल क्षेत्रफल 80.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 82.35 लाख हेक्टेयर होने की उम्मीद है.

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कर्नाटक के किसानों ने खरीफ फसलों की खेती में दिखाई रुचि, सांकेतिक तस्वीर कर्नाटक के किसानों ने खरीफ फसलों की खेती में दिखाई रुचि, सांकेतिक तस्वीर

आईएमडी द्वारा की गई भविष्यवाणी के अनुसार देश में मॉनसून 2023 समान्य रहने की संभावना है. इसी बीच देश में खरीफ फसलों की बुवाई में बढ़ोतरी देखी जा रही है. दरअसल, चालू खरीफ 2023 सीजन में कर्नाटक में धान और रागी जैसे अनाज और अरहर जैसी दालों के रकबे में बढ़ोतरी देखी जा रही है. खरीफ फसलों के तहत कुल क्षेत्रफल 80.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर  82.35 लाख हेक्टेयर होने की उम्मीद है. वहीं, कर्नाटक कृषि विभाग ने अनाज और दालों के तहत क्षेत्र में बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य खरीफ सीजन 2023 में 10.59 लाख हेक्टेयर में धान के तहत क्षेत्र में बढ़ोतरी पर नजर गड़ाए हुए है, जबकि पिछले खरीफ सीजन में यह 10.31 लाख हेक्टेयर था.

इसी तरह, जिन अन्य अनाजों के तहत राज्य उच्च रकबे का लक्ष्य बना रहा है, उनमें ज्वार 0.87 लाख हेक्टेयर (पिछले सीजन में 0.62 लाख हेक्टेयर), रागी 7.39 लाख हेक्टेयर (6.42 लाख हेक्टेयर), बाजरा 1.94 लाख हेक्टेयर (1.36 लाख हेक्टेयर) और माइनर मिलेट्स या गौण मोटे अनाज 0.37 लाख हेक्टेयर (0.31 लाख हेक्टेयर) शामिल हैं. गौरतलब है कि मई 2023 के महीने के दौरान राज्य में सामान्य 73.70 मिमी के मुकाबले 86.30 मिमी बारिश हुई है.

मक्के का रकबा कम 

मक्का के तहत क्षेत्र 14.20 लाख हेक्टेयर (14.65 लाख हेक्टेयर) पर थोड़ा कम लक्षित है. मक्का की कीमतों में गिरावट को देखते हुए, राज्य के किसानों का एक वर्ग अन्य फसलों की ओर रुख कर सकता है. खरीफ अनाज के तहत कुल क्षेत्रफल 35.36 लाख हेक्टेयर (33.96 लाख हेक्टेयर) पर लक्षित है.

दलहनी फसलों का रकबा बढने की उम्मीद 

अगर बात दलहनी फसलों की करें तो, राज्य पिछले सीजन के बुवाई क्षेत्र 14.15 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 15.79 लाख हेक्टेयर में अरहर के तहत क्षेत्र में बढ़ोतरी पर नजर गड़ाए हुए है. गौरतलब है कि कर्नाटक अरहर फसल का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसे खरीफ के मौसम में लगाया जाता है और मध्य रबी के मौसम में काटा जाता है.

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अरहर की कीमतों में मौजूदा तेजी इस सीजन में और अधिक उत्पादकों को आकर्षित कर सकती है. इसी तरह, हरे चने के तहत लक्षित क्षेत्र 3.99 लाख हेक्टेयर (4.14 लाख हेक्टेयर) है. इस खरीफ सीजन में कुल दलहन का रकबा 22.13 लाख हेक्टेयर रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले सीजन में 20.38 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी.

तिलहनी फसलों का रकबा कम होने की संभावना  

अगर बात तिलहनी फसलों की करें तो, मूंगफली का रकबा 4.04 लाख हेक्टेयर (3.72 लाख हेक्टेयर), सूरजमुखी का रकबा 1.30 लाख हेक्टेयर (1.72 लाख हेक्टेयर) और सोयाबीन का रकबा 4.10 लाख हेक्टेयर (4.41 लाख हेक्टेयर) देखा गया है. वहीं, तिलहनी फसलों की कीमतों में मंदी को देखते हुए, कुल क्षेत्रफल 10.10 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 9.84 लाख हेक्टेयर कम रहने की संभावना है.

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इसके अलावा, राज्य में कपास जैसी नकदी फसलों के तहत रकबा 8 लाख हेक्टेयर (8.25 लाख हेक्टेयर), गन्ना 6.20 लाख हेक्टेयर (7.18 लाख हेक्टेयर) और तंबाकू 0.81 लाख हेक्टेयर (0.77 लाख हेक्टेयर) देखा गया है.