किसानों के लिए समर्पित इंडिया टुडे ग्रुप का डिजिटल चैनल 'किसान तक' आज लॉन्च होने जा रहा है. 'किसान तक' देश का पहला डिजिटल मंच है, जो पूरी तरह से गांव और खेती किसानी से जुड़ी हर जरूरी जानकारी, लोगों तक पहुंचाने के लिए समर्पित है. सरकार और किसान के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से किसानों के शिखर सम्मेलन के रूप में 'किसान तक समिट 2023' में कृषि क्षेत्र से जुड़ी दिग्गज हस्तियां देश में खेती किसानी के हर जटिल मुद्दे पर चर्चा कर सहकार और समाधान का मार्ग प्रशस्त करेंगी.
'किसान तक' डिजिटल वेबसाइट का उद्घाटन आज दोपहर 12.15 बजे केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला करेंगे. वे एक विशेष सत्र में अपनी बात भी रखेंगे. इसके बाद 2.15 बजे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 'किसान तक यूट्यूब' चैनल का औपचारिक उद्घाटन करेंगे.
'किसान तक समिट' का प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर एसएमएल है जबकि ग्रोपिटल, धानुका, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) और जीआईसी आरई (GIC Re) को-स्पॉन्सर यानी कि एसोसिएट स्पॉन्सर हैं.
देश की राजधानी दिल्ली स्थित एलटीजी सभागार में 14 मार्च को सुबह 9:30 बजे 'किसान तक समिट 2023' में दिन भर चलने वाली खेत खलिहान की चर्चाओं का दौर शुरू होगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक 'पद्म भूषण' आर बी सिंह किसान तक समिट का शुभारंभ करेंगे.
इसके साथ ही 'किसानों का भारत और भारत के किसान' विषय पर चर्चा की शुरुआत भी डॉ. सिंह द्वारा की जाएगी. सुबह 10:20 बजे से 11:00 बजे तक दूसरे सत्र में 'पशुधन - गांव का कामधेनु' विषय पर चर्चा होगी. इस सत्र में खेती में पशु धन को संपदा के रूप में इस्तेमाल करने पर किसानों की आय में इजाफा होने के उपायों पर चर्चा होगी. पोल्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष रणपाल ढांडा, आनंदा डेयरी के चेयरमैन आर एस दीक्षित, एनीमल साइंस के उप महानिदेशक बी एन त्रिपाठी और मत्स्य विभाग के उप महानिदेशक जे के जैना इस चर्चा को सार्थक बनाएंगे.
इसके बाद दिन में 11:15 बजे से 11:40 बजे तक एक्सपर्ट सत्र का आयोजन होगा. इसमें 'भारतीय कृषि बाजार, अवसर एवं चुनौतियां' विषय पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद बतौर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे. इसी विषय से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक अलग सत्र का आयोजन किया गया है. दिन में 11:40 बजे से 12:15 बजे तक होने वाले इस सत्र में कृषि उत्पाद निर्यातक अशोक सेठी, धानुका के चेयरमैन आर जी अग्रवाल, जी-20 समिट में कृषि से जुड़े मुद्दों की संयुक्त सचिव स्मिता सिरोही और नीलम पटेल के अलावा एसएफएसी के निदेशक संजीव गौतम कृषि उत्पादों के बाजार के वर्तमान और भविष्य पर चर्चा करेंगे.
दोपहर 12:15 बजे केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला देश के अन्नदाता की खेत से खलिहान तक आवाज बने डिजिटल प्लेटफॉर्म 'किसान तक' का औपचारिक शुभारंभ करेंगे. इसके बाद वे ''पशुधन - गांव का कामधेनु'' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए चर्चा को आगे बढ़ाएंगे.
दोपहर बाद 1:30 बजे से 2:15 बजे तक सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से उठाई जा रही किसानों की आवाज को प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा होगी. ''सोशल किसान, किसानों के स्क्रीन गुरु'' विषय पर इस सत्र में चर्चा के बाद 2:15 बजे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान तक यूट्यूब चैनल का औपचारिक उद्घाटन करेंगे. इस दौरान तोमर ''5 ट्रिलियन की रेस, किसान बनेगा बेस - भारतीय अर्थव्यवस्था और कृषि की भूमिका'' विषय पर अपने विचार भी व्यक्त करेंगे.
इसके बाद खेती किसानी से जुड़े 3 महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी. इनमें ''नया दौर, तकनीक की ओर, एग्रीटेक एंड स्टार्टअप'' विषय पर दिन में 3:15 बजे से 3:50 बजे तक, ''धान्य से धनवान - कैसे बढ़ेगी किसानों की आय'' विषय पर 3:50 बजे से 4:30 बजे तक और सायं 4:45 बजे से 5:30 बजे तक ''सहकारिता - साथी हाथ बढ़ाना'' विषय पर इन क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ विचार मंथन करेंगे.
समिट के अंतिम और खास सत्र में उन किसानों से बात की जाएगी जिन्हें विपरीत हालात में खेती किसानी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए नागरिक अलंकरण पद्मश्री से नवाजा गया. इस सत्र में पद्मश्री किसान अपने अनुभव साझा करेंगे. इनमें करनाल के किसान सुलतान सिंह, सहारनपुर के प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह, बुलंदशहर के भारत भूषण त्यागी, सोनीपत के कंवल सिंह चौहान, बांदा के उमाशंकर पांडे और बिहार की राजकुमारी देवी शामिल हैं.
पद्मश्री राजकुमार देवी को किसान चाची के नाम से भी जाना जाता है.पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किसान चाची महिला किसानों के लिये एक मिसाल हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली किसान चाची ने खेती में नई तकनीक को जगह दी है.
इसी तरह पद्मश्री सुलतान सिंह ने करीब 30 साल पहले 500 रुपये में तालाब पट्टे पर लेकर मछली पालन शुरू किया था. पहली ही बार में 25 हजार रुपये खर्च करके उन्हें डेढ़ लाख रुपये की बचत हुई. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस क्षेत्र में काम के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला है.
पद्मश्री पाने वालों में सेठपाल सिंह भी हैं. सेठपाल सिंह पहले ट्रेडिशनल खेती करते थे, लेकिन 1995 में कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर जाने लगे और वहां से खेती के नए तरीके सीखने का क्रम शुरू हुआ. इसके बाद उन्होंने पारंपरिक खेती की बजाय नई तकनीक से खेती शुरू की. आज वे ऑर्गेनिक खेती में बहुत बड़ा नाम हैं.
पद्मश्री भारत भूषण बुलंदशहर के रहने वाले हैं जिनको धरतीपुत्र अवॉर्ड भी मिला है. ये किसानों को ऑर्गेनिक खेती की ट्रेनिंग देते हैं और इस दौरान उनके रुकने का भी इंतजाम करते हैं. इनके यहां देश-विदेश से लोग ट्रेनिंग लेने आते हैं.
पद्मश्री कंवल सिंह चौहान सोनीपत के रहने वाले हैं और वे फादर ऑफ बेबी कॉर्न के नाम से फेमस हैं. इन्होंने बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, मशरूम की खेती की. कंवल सिंह ने परंपरागत खेती को छोड़कर वर्ष 1998 में सबसे पहले मशरूम और बेबी कॉर्न की खेती करने की ठानी और उनका यह फैसला कामयाब रहा. दोनों फसलों से अच्छा मुनाफा हुआ. इसके बाद वे खेती के क्षेत्र में किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए.
किसान तक समिट 2023 के आयोजन में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र ने बतौर प्रायोजक, सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया है. इनमें कृषि क्षेत्र का अग्रणी औद्योगिक समूह एसएमएल इस समिट का प्रायोजक है. इसके अलावा सह प्रायोजक राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, धानुका ग्रुप, ग्रोपीटल और जीआईसी आरई ग्रुप भी हैं.
किसान तक समिट में शिरकत करने आ रही देश की दिग्गज हस्तियों के विचाराें से रूबरू होने के लिए 'किसान तक' के सभी डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जुड़ सकते हैं. इनमें किसान तक की वेबसाइट के अलावा फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज शामिल हैं.
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