उत्तराखंड में भी किसान आंदोलन का असर, ट्रैक्टर मार्च के साथ टोल प्लाजा कराया बंद

उत्तराखंड में भी किसान आंदोलन का असर, ट्रैक्टर मार्च के साथ टोल प्लाजा कराया बंद

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सुभाष सिंह ढिल्लों का कहना है कि किसानों का आंदोलन पिछले कई दिनों से चल रहा है. और सरकार ने पिछले आंदोलन में किसानों से जो वादे किये थे, वे पूरे नहीं किये गए। दिल्ली कूच करने जा रहे पंजाब के किसानों को शंभू और टिकरी बॉर्डर पर रोक दिया गया. वह वहां शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे. लेकिन केंद्र सरकार ने खट्टर सरकार के साथ मिलकर एक किलोमीटर अंदर जाकर आंसू गैस छोड़ी.

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उत्तराखंड में भी किसान आंदोलन का असर, ट्रैक्टर मार्च के साथ टोल प्लाजा कराया बंदFarmers Protest

अब किसानों का विरोध उत्तराखंड में भी देखने को मिलने लगा है. सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक विरोध हरिद्वार के बहादराबाद टोल प्लाजा पर निकाला गया. किसानों ने अपने ट्रैक्टर के साथ मार्च निकाल कर टोल प्लाजा पर जाम लगाया और बीजेपी सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने दिल्ली की तरह ट्रैक्टर का मुंह करके टोल को बंद किया. उन्होंने कहा कि एक दिन के इस सांकेतिक विरोध के बाद मोर्चा का जैसा भी निर्देश होगा, उसी हिसाब से आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा.

शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसान

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सुभाष सिंह ढिल्लों का कहना है कि किसानों का आंदोलन पिछले कई दिनों से चल रहा है. और सरकार ने पिछले आंदोलन में किसानों से जो वादे किये थे, वे पूरे नहीं किये गए। दिल्ली कूच करने जा रहे पंजाब के किसानों को शंभू और टिकरी बॉर्डर पर रोक दिया गया. वह वहां शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे. लेकिन केंद्र सरकार ने खट्टर सरकार के साथ मिलकर एक किलोमीटर अंदर जाकर आंसू गैस छोड़ी. जिसमें हमारे एक किसान शुभकरण सिंह शहीद हो गये. वहीं एक किसान पीजीआई में भर्ती है। उनके समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर दिल्ली हाईवे पर ट्रैक्टर को टोल प्लाजा के सामने खड़े कर एक दिन के विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.

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बहादराबाद टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन

उसी को लेकर आज हरिद्वार के किसान बहादराबाद टोल प्लाजा पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी मांगें हैं कि सरकार ने पहले हमसे एमएसपी की गारंटी, लखीमपुर खीरी के लिए न्याय, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लेने और शहीद हुए सभी किसानों को मुआवजा देने का वादा किया था। इस पर आधिकारिक तौर पर सरकार ने सहमति जताई थी, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हो सका है. लेकिन अब सरकार जाने वाली है तो किसान सरकार को याद दिला रहे हैं कि आपने जो हमारी मांगें रखी थीं, उन्हें पूरा करो. यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक दिन के लिए है और आगे संयुक्त किसान मोर्चा का जो भी आदेश आएगा उसके मुताबिक काम किया जाएगा. (मुदित अग्रवाल की रिपोर्ट)

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