ओडिशा सरकार ने राज्य के धान किसानों को बड़ी राहत दी है. खरीफ खरीद सत्र 2025-26 में धान की खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को और सरल बना दिया गया है. अब किसानों को कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की जगह स्व-घोषणा पत्र (Self-Declaration Form) जमा करने की अनुमति दी गई है. पिछले दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने इस फैसले का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि कई किसानों को समय पर जरूरी दस्तावेज जमा करने में परेशानी होती थी, इसलिए यह कदम उठाया गया है.
सरकार के इस नए नियम के तहत किसानों को जो फायदे मिलेंगे वो कुछ इस तरह से हैं-
सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 अगस्त तक बढ़ा दी है. जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि फॉर्म वितरण का कार्य प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS), महिला स्वयं सहायता समूहों (WSHG), पानी पंचायतों (PP) और वृहद क्षेत्र बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों (LAMPCS) के जरिए किया जाए.
मंत्री पात्रा ने कहा कि इस निर्णय से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और धान खरीद के तहत मिलने वाली इनपुट सहायता का पूरा लाभ मिलेगा। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी योग्य किसान इन सुविधाओं से वंचित न रहे.
अब तक 13,34,028 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 13,79,066 थी. खरीफ खरीद सत्र 1 अक्टूबर से शुरू होता है. लेकिन धान की खरीद का काम सामान्यतः नवंबर के पहले सप्ताह से मार्च के अंत तक जारी रहता है.
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