उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 पेराई (crushing) सत्र में कुल गन्ना रकबा 28.53 लाख हेक्टेयर है. जो पिछले साल की तुलना में 84 हजार हेक्टेयर बढ़ गया है. वहीं इस बार यूपी में गन्ने का उत्पादन 2350 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है. चीनी का उत्पादन 110 लाख टन अनुमानित है. इसी बीच गन्ना की खेती कर रहे किसानों के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है. गन्ना किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. जहां किसान कॉल कर अपनी हर समस्या को आसानी से दूर कर सकेंगे. क्या है यह हेल्प लाइन नंबर और कैसे मिलेगी किसानों को इससे मदद आइये जानते हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को राहत देते हुए हेल्पलाइन नंबर के साथ कंट्रोल रूम भी सुविधा दी है, जहां किसान 24X7 कॉल कर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं.
आपको बता दें गन्ना उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है. भारत गन्ना का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है. वहीं देश में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है. यहां गन्ना से बने उत्पाहद और चीनी का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जा रहा है. ऐसे में यहां के किसानों को कोई मुश्किल ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने 24X7 कॉल सेंटर की स्थापना की है.
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इतना ही नहीं योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए कॉल सेंटर के साथ एक आधुनिक सुविधाओं से लैस कंट्रोल रूम भी बनवाया है. जिसकी स्थापना गन्ना विकास विभाग (Sugarcane Development Department, UP) ने की है, जहां कॉल करके किसान अपनी समस्याओं के बारे में पूछ सकते हैं और उसका समाधान हासिल कर सकते हैं.
1800-121-3203, यह है वो हेल्पलाइन नंबर जो किसानों के लिए योगी सरकार द्वारा जारी किया गया है. इस नंबर पर किसान 24X7 कॉल कर अपनी समस्या का हल पा सकते हैं. गन्ना की खेती से लेकर मार्केटिंग में आ रही समस्याओं तक का हल इस माध्यम से किसानों को दिया जाएगा ताकि उन्हें कोई समस्या ना हो. किसानों की समस्या का समाधान कंट्रोल रूप में बैठे अनुभवी कर्मियों के द्वारा किया जाएगा.
यूपी के गन्ना किसानों के लिए जारी 24X7 हेल्पलाइन नंबर की सुविधा के बारे में गन्ना विकास विभाग के उप मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने मीडिया को इसके बारे में बताया कि इस ट्रोल फ्री नंबर से जोड़े गए कंट्रोल रूप में काम करने वाले लोगों की कार्यप्रणाली को और भी आसान और सटीक बनाने के लिए कंट्रोल रूप को उच्च तकनीकी और आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है. जिस वजह से कॉल करने वाले गन्ना किसानों को भी असुविधा नहीं होगी.
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