भारत के कृषि और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स का निर्यात तेजी पकड़ रहा है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 के बीच इनके निर्यात में पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले 7 प्रतिशत की बढ़ाेतरी दर्ज की गई, जिससे कारोबार 5.96 बिलियन डॉलर पहुंच गया. निर्यात में हुई यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से फल-सब्जियों, चावल, भैंस के मीट में मांग चलते दर्ज की गई. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के बासमती और नॉन बासमती निर्यात में 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कारोबार 2.9 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
वित्त वर्ष 2024-2025 में भारत ने रिकॉर्ड 12.47 बिलियन डॉलर का चावल का निर्यात किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले 20 प्रतिश ज्यादा था. ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बासमती राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, पंजाब के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह जोसन का कहना है, "म्यांमार और पाकिस्तान जैसे प्रतिस्पर्धी देशों में कम स्टॉक है, जिसकी वजह से वैश्विक खरीदारों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है. अगली तिमाही में चावल का निर्यात और तेजी पकड़ सकता है."
वहीं, KNAM फूड्स के फाउंडर अमित गोयल ने कहा, "मौजूदा और आगामी तिमाहियों में चावल का निर्यात पिछली तिमाहियों से बेहतर रहेगा क्योंकि हाल की बारिश से फसल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा है. सरकार ने सितंबर 2024 से चावल पर लगे निर्यात प्रतिबंध हटाने शुरू कर दिए थे और अब न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) समेत सभी तरह की पाबंदियां हटा ली गई हैं."
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) के आंकड़ों के अनुसार,
पिछले दशक में भारतीय भैंस के मीट की क्वालिटी और पोषण मूल्य के कारण उसकी वैश्विक मांग तेजी से बढ़ी है. भारत अब भैंस मीट का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है. वियतनाम, मलेशिया, मिस्र, इराक, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश भारत से सबसे ज्यादा इसका आयात कर रहे हैं.
वहीं, APEDA (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) के अधीन आने वाले उत्पादों का निर्यात FY25 में 12% बढ़कर 25.14 अरब डॉलर तक पहुंच गया. इन उत्पादों में चावल, मीट, फल-सब्जियां, प्रोसेस्ड फूड्स, जूस आदि शामिल हैं. कुल कृषि निर्यात में APEDA की हिस्सेदारी लगभग 51 फीसदी है, जबकि बाकी में समुद्री उत्पाद, तंबाकू, कॉफी और चाय आते हैं.
भारत पिछले दस वर्षों से लगातार दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक बना हुआ है और वर्तमान में उसका वैश्विक चावल बाजार में 40 फीसदी से अधिक का हिस्सा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की इस स्थिति को आने वाले महीनों में और मजबूती मिलेगी.
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