गुजरात के अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल में खेड़ा जिलें के कपडवंज में रहने वाले ब्रेनडेड 19 वर्षीय किशन परमार का अंगदान किया गया. किशन के अंगदान से हृदय, लीवर और दो किडनी प्राप्त हुईं, जिसकी वजह से डेथ के बाद भी किशन चार जरूरतमंद लोगों का जीवनदाता बन गया. मिली जानकारी के मुताबिक खेती का काम करने वाले किशन परमार अपनी बहन को एग्जाम देने के लिए छोड़कर लौट रहे थे, तब अचानक उनकी बाइक स्लिप हो गई. जिसकी वजह से उनके सिर पर गंभीर चोट पहुंची थी. इसके बाद उन्हें तुरंत स्थानीय हॉस्पिटल में इलाज़ के लिए भर्ती किया गया.
वहां स्थिति अनियंत्रित होते देख किशन को अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल में ले जाया गया. सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किशन का इलाज तो किया लेकिन 2 अप्रैल को उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया. इसके बाद उनकी माता ने पुत्र के अंगदान करने का निर्णय लिया. यह फैसला लेना आसान नहीं होता है लेकिन उनके परिवार के लोगों ने मन मजबूत करके ऐसा किया.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
किशन के पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी. इसलिए किशन अपने दो भाई-बहन के साथ परिवार का गुजारा खेती करके किया करता था. ऐसे में किशन के ब्रेनडेड होने की वजह से उसकी माता गीताबेन परमार पर आफतों का पहाड टूट पड़ा. सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा किशन की माता को अंगदान के बारें में समझाया गया. आखिर में परिस्थितियों को स्वीकार कर किशन की माता ने अपने पुत्र का अंगदान करने की अनुमति देकर चार लोगों का जीवन प्रकाशित कर दिया.
अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में यह 148 वां अंगदान हुआ है.कुल 477 अंग प्राप्त हुए हैं, जिससे 460 लोगों को नया जीवन मिला है. खेती का काम करके परिवार का पालन-पोषण करने वाले किशन के अंगदान के बारें में जानकारी देते हुए अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने कहा कि जो अंगदान हुआ वो हम सबके लिए अनाज पेदा करने वाले किसान परिवार के पुत्र का हुआ है. किशन के अंगदान से हृदय, लीवर और दो किडनी प्राप्त हुई हैं. किसान परिवार के इस निर्णय ने हम सबको ऋणी बना दिया है.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today