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किसानों का मुनाफा बढ़ाने और नई पीढ़ी को खेती की ओर लाने की कोश‍िश में जुटी सरकार 

किसानों का मुनाफा बढ़ाने और नई पीढ़ी को खेती की ओर लाने की कोश‍िश में जुटी सरकार 

श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में मार्केटिंग समिट को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने छात्र-छात्राओं से कहा क‍ि खेती को समझने के ल‍िए वो पूसा और देश के दूसरे कृष‍ि शोध संस्थानों का करें दौरा. अब बढ़ गई है भारतीय कृषि की अहमियत. भारत अब मांगने वाला देश नहीं है, बल्कि देने वाला देश बन गया है.

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कृष‍ि मंत्री ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के व‍िद्यार्थ‍ियों को दी पूसा भ्रमण की सलाह (Photo-IARI). कृष‍ि मंत्री ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के व‍िद्यार्थ‍ियों को दी पूसा भ्रमण की सलाह (Photo-IARI).

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को द‍िल्ली में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की दि मार्केटिंग सोसायटी द्वारा आयोजित मार्केटिंग समिट को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार का जोर नई पीढ़ी को खेती की ओर आकर्षित करने और किसानों का मुनाफा बढ़ाने पर है. उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे पूरी कृषि व्यवस्था को व्यवहारिक रूप से समझने के लिए पूसा संस्थान, नई दिल्ली सहित देश के प्रमुख संस्थानों का दौरा करें. भारत की दो प्रधानता है- कृषि और धर्म. धर्म का आशय यहां पूजा पद्धति से नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से है. वही धर्म है. प्रकृति में प्रत्येक जीव का धर्म होता ही है. 

तोमर ने कहा क‍ि विद्यार्थियों-शिक्षकों का भी एक-दूसरे के प्रति धर्म होता है. माता-पिता, परिवार, मित्र, स्कूल-कॉलेज, प्रदेश-देश के प्रति जिम्मेदारी के भाव का धर्म धारण कर जीवन जीने से उसकी सार्थकता सिद्ध होती है. अन्यथा परिणाम नहीं मिलता. इस प्रधानता को स्वीकार करके आगे बढ़ने पर सही परिणाम आते हैं. हमारे वीर शहीदों ने अपना धर्म निभाया, इसी तरह सेना अत्यंत कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा का धर्म जज्बे से निभाती है. इसी प्रकार, कृषि हमारी प्रधानता है, जिसकी बहुत महत्ता है. यदि आपके पास पैसा है और खाने के लिए उत्पादों की कमी है तो कैसे काम चलेगा. इसलिए हमारे किसान भाई-बहन अभिनंदनीय हैं. जो अपनी आजीविका तो कमा ही रहे हैं, पूरे देश के प्रति खाद्यान्न की उपलब्धता के साथ अपना धर्म भी निभा रहे हैं.  

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कृषि की अहमियत बढ़ी

केंद्रीय कृष‍ि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले लंबे समय तक उपेक्षित रहा है. लेकिन यह रीढ़ की तरह है, जिसके साथ हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के ताने-बाने को मुगल और अंग्रेज भी नहीं तोड़ सके. कोविड सहित पहले भी प्रतिकूल परिस्थितियों में कृषि क्षेत्र ने देश में अपनी सार्थकता सिद्ध की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय कृषि की अहमियत और भी बढ़ गई है. भारत अब मांगने वाला देश नहीं है, बल्कि देने वाला देश बन गया है. दुनिया के अनेक देशों की हमसे अपेक्षाएं बढ़ गई हैं. उनके लिए भी हमें अपनी कृषि को और अच्छा करने की आवश्यकता है.

पीएम क‍िसान के तहत द‍िए गए 2.5 लाख करोड़

कृष‍ि मंत्री ने कहा क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों सहित कृषि क्षेत्र को हमेशा प्रोत्साहन देते हैं. इसे बेहतर करने पर उनका पूरा जोर है. इसलिए एक के बाद एक अनेक ठोस योजनाएं भी बनाकर क्रियान्वित की जा रही हैं. सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग भी सुनिश्चित किया है. करोड़ों किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 6000-6000 रुपये वार्षिक उनके बैंक खातों में पूरी पारदर्शिता के साथ जमा कराए जा रहे हैं. इसके तहत अब तक 2.5 लाख करोड़ रुपये द‍िए जा चुके हैं. जो किसानों को पूरे के पूरे मिले हैं.  

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